नाला पार करते फंसी गाड़ी, तेज बहाव की चपेट में आई महिला की दुपट्टे ने बचाई जान (Video)

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2019 - 03:31 PM (IST)

तीसा: उपमंडल चुराह में बरसात का मौसम लोगों के लिए आफत बन रहा है। इस आफत पर शासन व प्रशासन की कुव्यवस्था भी हावी हो रही है। व्यवस्थाएं ठीक न होने के कारण लोगों को मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं, साथ उनकी जिंदगियों से खिलवाड़ हो रहा है। गत दिन मंगली में हुए हादसे के बाद तरेला नाले में भी हादसा होते-होते टल गया। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह लोग निजी वाहनों के माध्यम से बौंदेड़ी से उपमंडल मुख्यालय आ रहे थे। इस दौरान नाले में काफी पानी होने के कारण गाड़ी बीच नाले में ही फंस गई। काफी देर गाड़ी न निकलने के कारण लोग गाड़ी से उतरकर वापस जाने लगे। इस दौरान नाला पार करते एक महिला पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गई। महिला पानी के साथ करीब 20 मीटर बहकर चली गई। वहां नाले के समीप क्रेट की तार महिला के कपड़ों में फंस गई, जिसके चलते महिला ने पानी के तेज बहाव में अपना संतुलन बना लिया। उसके बाद वहां मौजूद लोगों ने पानी में उतर कर महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

गाड़ी में सवार थे 20 लोग

बताया जा रहा है कि गाड़ी में करीब 20 लोग सवार थे, ऐसे में यदि गाड़ी पानी के बहाव की चपेट में आ जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। तरेला नाले में यह घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले कई बार लोग पानी के बहाव में बहने से बाल-बाल बचे हैं। लोगों को करीब 5 सालों से ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। 5 साल से यहां यातायात सुविधा भी लगातार सुचारू नहीं हो पाई है। इसका मुख्य कारण इस नाले पर वाहन योग्य पुल न होना है। 5 साल पहले इस नाले पर बना पुल भू-स्खलन की चपेट में आ गया था जिसके बाद वाहनों के गुजरने के लिए लो.नि.वि. ने नाले में स्कपर लगाए हैं लेकिन बरसात के मौसम में यहां पानी का स्तर काफी ज्यादा होता है।

2014 में भू-स्खलन की जद्द में आया था तरेला पुल

तरेला नाले पर बना पुल अप्रैल, 2014 में भू-स्खलन होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण चुराह की 4 पंचायतों का संपर्क उपमंडल से कट गया था जिसके 3-4 माह बाद लो.नि.वि. ने तरेला नाले पर दूसरी जगह वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थायी मार्ग बनाया। यहां विभाग ने स्कपर लगाकर उसके ऊपर वाहनों के लिए अस्थायी मार्ग तैयार किया लेकिन बार-बार बढ़ रहे जलस्तर के कारण यह मार्ग बह जाता है, वहीं मार्ग के ऊपर से तेज रफ्तार से पानी बहता है जिस कारण इस बहाव में वाहन फंस जाते हैं।

बोर्ड पर नए पुल का काम हुआ पूर्ण लेकिन कार्य अब भी अधूरा

तरेला नाले पर नए पुल का कार्य हो रहा है। यह कार्य जनवरी, 2018 को शुरू हुआ है। करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। हालांकि यहां अंकित एक बोर्ड पर पुल का कार्य 18 जुलाई, 2019 को पूर्ण हो चुका है लेकिन अभी भी करीब एक माह का समय इस पुल को तैयार होने में लग जाएगा।

6 माह से मंगली बस सेवा भी बंद

6 माह से तरेला से आगे मंगली के लिए बस सेवा बहाल नहीं हो पाई है। मंगली व बौंदेड़ी पंचायत के लोगों को जिला व उपमंडल मुख्यालय आने के लिए मजबूरन निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। सोमवार को भी करीब 20 लोग निजी वाहन में सवार होकर तीसा आ रहे थे तो नाले के बढ़े जलस्तर में वाहन फंस गया। गनीमत यह रही कि वाहन अपनी जगह से नहीं हिला अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

5 साल से मर-मर कर जी रहे ग्रामीण

मंगली, बौंदेड़ी, जुनास व गुईला पंचायतों के लोगों का कहना है कि 5 साल हो गए हैं और उनकी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं। 5 साल पहले तरेला में पुल गिरने के बाद आज तक नाला पार करने के लिए उन्हें मौत का सामना करना पड़ता है। कई बार महीनों मार्ग बंद हो जाता है, जिस कारण यहां मुसीबतें दोगुनी हो जाती हैं। यहां महीनों बाद वाहन राशन लेकर पहुंचते हैं। लोगों का कहना है कि डेढ़ वर्ष बीत गया है परंतु नए पुल का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। यदि जल्द इस पुल का निर्माण पूरा नहीं होता है तो इस नाले में कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है। लोगों ने विभाग से मांग की है कि जल्द नए पुल का कार्य पूर्ण कर इसे वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जाए।

जल्द हल की जाएगी समस्या : अधिशासी अभियंता

लो.नि.वि. मंडल तीसा के अधिशासी अभियंता हर्ष पुरी ने बताया कि तरेला नाले पर पुल का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। थोड़ा बहुत कार्य ही बचा है। एक माह के भीतर यह कार्य पूर्ण करवाया जाएगा और पुल वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। इस समय भारी बारिश व बर्फ  पिघलने के कारण नाले का जलस्तर बढ़ रहा है। लोगों की समस्या से परिचित हैं, जल्द ही इनकी समस्या का निदान हो जाएगा।


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Vijay

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