शिमला में अपनी संपत्तियों की GIS मैपिंग करेगा MC

Tuesday, Apr 30, 2019 - 11:40 AM (IST)

शिमला (वंदना): राजधानी में नगर निगम अपनी संपत्तियों की जी.आई.एस. मैपिंग करने जा रहा है ताकि एम.सी के पास अपनी प्रॉपर्टी का सही रिकॉर्ड रह सके। नगर निगम ड्रोन कैमरे से पूरे शिमला शहर की मैपिंग करेगा। इसके तहत नगर निगम परिधि के भीतर एम.सी. की कितनी दुकानें, स्टाल, जमीन, सड़कें, पुल व प्रॉपर्टी टैक्स सहित रोड एंड बिल्डिंग्ज आदि का सर्वे किया जाएगा। खास बात यह होगी कि इस सर्वे के दौरान ए.पी. ब्रांच द्वारा कितने मकानों के नक्शे पास किए गए हैं, कितने लंबित पड़े हैं की मैपिंग की जाएगी। जी.आई.एस. मैपिंग सिस्टम को नगर निगम अपने ऑनलाइन सिस्टम के साथ इंटीग्रेट कर अपनी संपत्तियों पर कार्यालय में बैठकर नजर रख सकता है। नगर निगम एक निजी कंपनी को यह कार्य सौंपने जा रही है, उम्मीद जताई जा रही है जून माह तक इस सर्वे प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा इसके बाद कंपनी सभी संपत्तियों की जी.आई.एस. मैपिंग की कॉपी नगर निगम को देगी। 

इस योजना का प्रस्ताव तैयार होने के बाद प्रशासन इसे मंजूरी के लिए निगम सदन के समक्ष रखेगा। निगम प्रशासन का तर्क है कि आगामी दिनों में निगम की पूरी कार्यप्रणाली का डिजिटलाइजेशन किया जाना है, ऐसे में निगम शहर में सभी संपत्तियों का ऑनलाइन रिकार्ड तैयार करने में जुट गया है ताकि ऑनलाइन सिस्टम के जरिए एम.सी. अपनी संपत्तियों पर नजर रख सके, साथ ही जी.आई.एस. मैपिंग के जरिए कार्यालय में बैठ कर सड़कों व पुलों सहित अन्य के एस्टीमेट तैयार किए जा सकें। मौजूदा समय में किसी भी सड़क का एस्टीमेट तैयार करने के लिए अधिकारियों को फील्ड में जाकर पैमाइश करनी पड़ती है और इसके बाद ही एस्टीमेट बनाया जाता है लेकिन ऑनलाइन सड़क व पुलों सहित अन्य संपत्तियों का रिकार्ड होने से कार्यालय में बैठकर ही एस्टीमेट तैयार किए जा सकते हैं।

प्रशासन का दावा है कि जी.आई.एस. मैपिंग होने से निगम के पूरे सिस्टम में पारदॢशता आएगी। शहर में मौजूदा समय में कितने हाऊस होल्डर्स हैं, जिनका निगम के पास सही रिकार्ड नहीं है लेकिन जी.आई.एस. मैपिंग होने के बाद एम.सी. के पास प्रत्येक हाऊस होल्डर का रिकार्ड होगा। नगर निगम डोर टू डोर गारबेज कलैक्शन योजना के तहत घरों से कूड़ा उठा रहा है। इस योजना के तहत निगम के पास करीब 41,000 हाऊस होल्डर हैं लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो इस योजना के तहत कूड़ा नहीं देते हैं। शहर में करीब बिजली के 68,000 कनैक्शन हैं। ऐसे में जी.आई.एस. मैपिंग होने से निगम के पास हाऊस होल्डर्स का सही रिकार्ड होगा।

पानी के मीटरों के सही रिकॉर्ड पर हो चुकी है मैपिंग

शिमला जल प्रबंधन कंपनी शहर में पानी के मीटरों व उपभोक्ताओं के सही रिकार्ड के लिए जी.आई.एस. मैपिंग करवा चुकी है। कंपनी का मानना है कि ड्रोन कैमरे के जरिए मैपिंग होने से उपभोक्ताओं का स्टीक रिकार्ड कंपनी के पास एकत्रित किया गया है, ऐसे में जी.आई.एस. मैपिंग के माध्यम से हाऊस होल्डर्स सहित अपनी संपत्तियों का स्टीक रिकार्ड तैयार किया जा सकता है।


 

Ekta