धौलासिद्ध जमीन खरीद धांधली में किसानों को सर्कल रेट से क्यों रखा गया वंचित : राणा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 01, 2022 - 05:13 PM (IST)

हमीरपुर : धौलासिद्ध प्रोजेक्ट में जमीन खरीद में भारी धांधली के आरोपों के सामने आने के बाद अब विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार को घेरते हुए सवाल खड़ा किया है कि क्या सरकार किसानों से किए गए छल करने वालों के ऊपर कार्रवाई करेगी या जीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार की वकालत करने वाली सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगी। राणा ने कहा कि हालांकि सत्ता संरक्षण में चल रहे इस भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सरकार खुद सवालों के कटघरे में है कि ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि किसानों को 30 हजार रुपया कनाल का रेट दिया गया जबकि जमीन खरीद दस्तावेजों में यह रेट 2 लाख 30 हजार रुपए दर्शाया गया है जिसकी स्टैम्प ड्यूटी भी सर्कल रेट के हिसाब से भरी गई है। जो यह बताने के लिए काफी है कि जमीन खरीद में हर किसान को दो लाख रुपया कम दिया गया है। जिसकी आपत्ति अब धौलासिद्ध संघर्ष समिति ने सरेआम दर्ज की है। 

राणा ने कहा कि हालांकि इस मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में लाने के लिए उन्होंने पत्र लिखकर सारी वस्तु स्थिति रखी है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किसान हितों की वकालत करते हैं या आरोपी अधिकारी व कंपनी हित की पैरवी करते हैं। राणा ने कहा कि इधर धौलासिद्ध प्रोजेक्ट जमीन खरीद मामले में किसानों से दगा किया गया है और उधर दूसरी तरफ बीजेपी सरकार ने फोर लेन प्रभावितों का मुआवजा जो कि फैक्टर टू और फोर के तहत अभी तक नहीं दिया है। जो कि यह बताता है कि सरकार किसानों के हितों से ज्यादा कंपनी के हितों की पैरवी कर रही है। किसान अपनी मूल मांग के हक में सड़कों पर संघर्ष कर रहा है। लेकिन केंद्र की तर्ज पर बहरी हो रही सरकार किसानों की कोई बात न मामने को तैयार न सुनने को राजी है। ऐसे में किसान जाएं तो जाएं कहां। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में जमीनों का अधिग्रहण होना वाजिब है लेकिन अधिग्रहण की आड़ में दलाल माफिया द्वारा किसानों के हितों से दगा करना किसी भी सरकार को लोकतंत्र में न शोभा देता है न ही यह न्यायपूर्ण है। राणा ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसान सरकार से न्याय नहीं मांगे तो किससे मांगे और अगर सरकार नहीं सुन रही है तो विपक्ष के पास किसानों का आवाज उठाना स्वाभाविक है।
 


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Content Writer

prachi upadhyay

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