डल झील में तड़पने लगी मछलियां तो लीपापोती को पहुंचा सरकारी अमला
punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 01:26 PM (IST)

धर्मशाला (तनुज) : धौलाधार की तलहटी में नड्डी स्थिति ऐतिहासिक एवं धार्मिक आस्था की प्रतीक डल झील में मछलियों के तड़पने के साथ ही सरकारी अमला भी मौके पर पहुंच गया। सोमवार सुबह सूखने की कगार पर पहुंची झील में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी हुआ तो स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर ही उनके बचाव को कार्य आरंभ कर दिया। इस दौरान कई मछलियां मर भी गई। जिला प्रशासन को इस बारे सूचना मिली तो सरकारी अमला मौके पर पहुंच कर मुआयना करने जुट गया। हर साल रिसाव के कारण झील में यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है। साथ ही लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं। जानकारी के अनुसार नड्डी स्थित डल झील में पिछले 8-10 दिनों से जल रिसाव के कारण झील सूख गई है।
सोमवार सुबह झील की स्थिति यह हो गई है कि झील का लगभग सारा पानी रिस गया। जिसके चलते झील में मछलियां मर गई और छोटी-छोटी मछलियांबहुत कम पानी में तड़पने लगी। वर्ष 2014 में जब झील सूखी थी तो यहां की मछलियां मर गई थीं। सोमवार को डल झील में मछलियों के मरने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने एस.डी.एम. धर्मशाला और जल शक्ति विभाग के एक्सीयन को मौका का दौरा करने के निर्देश जारी किए। जिस पर अधिकारी झील का दौरा करने के लिए पहुंचे। गौरतलब है कि वर्ष 2014 से झील से पानी का रिसाव शुरू हुआ था, लेकिन प्रशासन इसे रोकने में विफल रहा। झील के सौंदर्यकरण के नाम पर सरकारें और प्रशासन अब तक लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। अभी भी इस झील के सौंदर्यकरण के लिए 4 करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध है, लेकिन कार्य को शुरू तक नहीं किया गया है।
मछलियां बचाना प्राथमिकता, जल्द शुरू होगा कायःर् एस.डी.एम.
एस.डी.एम. धर्मशाला शिल्पी बेक्टा ने कहा कि डल झील में पानी के रिसाव होने से मछलियां मरी हैं। बची हुई मछलियों को बचाना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व में यदि कोई सर्वे हुआ होगा तो उसके आधार पर कार्य किया जाएगा। मत्स्य विभाग के माध्यम से बची मछलियों को शिफ्ट किया जाएगा, जिसमें 2 दिन का समय लगने की संभावना है।
जल शक्ति विभाग की रिपोर्ट पर रिसाव रोकने का होगा कार्य
जिला कांगड़ा पर्यटन विभाग के उपनिदेशक डॉ. पृथी पाल सिंह ने कहा कि डल झील में हो रहे रिसाव को लेकर जल शक्ति विभाग के एक्सीयन से विजिट करने का अनुरोध किया है। एक्सीयन की रिपोर्ट के आधार पर देखा जाएगा कि किस तरह से रिसाव रोका जाए। इसके अलावा सरकार से भी फंड उपलब्ध करवाने की बात कही जाएगी।