Weather : रोहतांग दर्रे सहित चोटियों पर हल्का हिमपात, ओलावृष्टि ने बरपाया कहर

punjabkesari.in Wednesday, Apr 26, 2023 - 10:18 PM (IST)

शिमला (संतोष कुमार): इस बार मौसम की अठखेलियां लोगों की दुश्वारियां कम नहीं कर रही हैं अपितु ऊंचाई व मध्यम क्षेत्र के लोगों की परेशानियों को खूब बढ़ा रही हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में हल्का हिमपात तो मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटों में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई है। हालांकि रोहतांग में हल्का हिमपात हुआ है जबकि शिमला, मंडी व सिरमौर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हुई है। चौपाल में 30, मंडी में 17, कोटखाई में 8, ठियोग में 6, बंजार व जंजैहली में 4, जुब्बल व बिजही में 3 और शिलारू में 2 मिलीमीटर वर्षा रिकाॅर्ड की गई है। राज्य में न्यूनतम तापमान केलांग में 1.5 डिग्री जबकि ऊना में 34.8 डिग्री अधिकतम दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ अब एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत राज्य में 30 अप्रैल तक यैलो अलर्ट रहेगा। 

कुल्लू के मझाण गांव में भारी ओलावृष्टि
फिलवक्त मौसम विभाग के अलर्ट के बीच राज्य के कई भागों में बारिश-ओलावृष्टि हुई है। कुल्लू के मझाण गांव में बुधवार को भारी ओलावृष्टि हुई। इससे सेब के साथ मटर की फसल को भारी क्षति पहुंची है। आनी के बुच्छैर, लढागी और डीम क्षेत्र में बुधवार सायं एकाएक हुई भारी वर्षा ने खासा कहर बरपाया है। इस दौरान हुई ओलावृष्टि से क्षेत्र की सेब सहित अन्य नकदी फसलों को काफी क्षति पहुंची है, जिससे किसानों-बागवानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। वहीं रोहतांग दर्रा के साथ अटल टनल सहित लाहौल की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट आई है। कुल्लू के ढालपुर में अंधड़ चलने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कांगड़ा जिले के कई भागों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। राजधानी में हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए रहे। 

क्या कहते हैं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरिंद्र पाल ने कहा कि प्रदेश में 30 अप्रैल तक मौसम के खराब बने रहने की संभावना है। इस दौरान ऊंची चोटियों पर बर्फबारी व अन्य भागों में बारिश होने के आसार हैं जबकि कई भागों में अंधड़ चलने का यैलो अलर्ट भी जारी किया गया है। ओलावृष्टि से खड़ी फसलों, फलों के पौधों व नई पौध को नुक्सान हो सकता है, इसलिए जहां संभव हो, फसलों पर ओलारोधी जालियों का प्रयोग करें और एंटी हेलगन लगाएं। 

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Content Writer

Vijay

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