हमारी तो नहीं मानी लेकिन अब अपनों की तो मान लो सरकार : राणा

punjabkesari.in Sunday, May 24, 2020 - 05:27 PM (IST)

हमीरपुर : हमारी बात पर तो सरकार आप को गुस्सा आता था, लेकिन अब आपके अपने भी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को शर्मनाक बता रहे हैं। ऐसे में जब पूरा देश कोरोना महामारी से छटपटा रहा है तो बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार में कोरोना उपचार सामग्री खरीद को लेकर सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार बेखौफ चला हुआ है, यह अब साबित हो चुका है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का मामला उजागर होते ही जहां सरकार पर से आम आदमी का भरोसा उठा है, वहीं इस भ्रष्टाचार को सुनकर दिल दहल रहा है। इस दौर में चले भ्रष्टाचार से प्रदेश का सिर शर्म से झुका है व समूचा प्रदेश आहत हो उठा है। कोरोना उपचार सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार का यह समाचार प्रदेश को कलंकित कर देने वाला है, लेकिन अफसोस जनक यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अब इस भ्रष्टाचार पर गुस्सा इसलिए नहीं आ रहा है, क्योंकि अब वह अपनों के निशाने पर हैं? 

पीपीई किट की खरीद में 5 लाख की घूस का भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट में चल रहा भ्रष्टाचार का काला सच नंगा हुआ है। गजब यह है कि घूस की पेशकश करने वाला आरोपी बीजेपी का नेता बताया जा रहा है। आज जनता के लिए कोविड संकट महामारी है, लेकिन सत्ता संरक्षण में पल रहे भ्रष्टाचारियों के लिए महामारी एक मौका साबित हुआ है और इस मौके का लाभ उठाकर सरकार की नाक के नीचे करोड़ों के सप्लाई आर्डर हड़पने वाले आरोपी के सीधे तार भाजपा नेता से जुड़े बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार की सौदेबाजी में लगा व्यक्ति भाजपा नेता के भ्रष्ट कारोबार की लाइजनिंग भी करता था। यह खुलासा भी चौंकाने वाला है। हेल्थ डायरेक्टर की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि सत्ता संरक्ष्ित भ्रष्टाचार में बीजेपी का दामन भी दागदार है। विजिलेंस की शुरुआती जांच में भ्रष्टाचार में लगे अधिकारियों की जमात से हुई पूछताछ में यह साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार की प्रचेजिंग सीट को डील करने वाले अध्िकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं। कोविड संकट के बीच हुई भ्रष्टाचार की खरीद के सिलसिलेवार खुलासे हो रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि मैं, तो शुरू दिन से ही बीजेपी के कुछ नेताओं व अधिकारियों से मिली फीडबैक को लेकर भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त कर रहा था लेकिन तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गुस्सा सार्वजनिक होकर फूट रहा था। हेल्थ डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है, शुरू दिन से ही यह विभाग भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहा है। यह बात उस आरोप से भी पुख्ता होती है कि जब बीजेपी के एक नेता ने सीएम ऑफिस में हिरासत में लिए गए डायरेक्टर की सेवा विस्तार के लिए डीओ लेटर भी भेजा था, क्योंकि भ्रष्टाचार की सांठ-गांठ में लगा यह अधिकारी 31 मई 2020 को रिटायर हो रहा था, ऐसे में कोरोना के नाम पर करोड़ों की खरीद में चल रहे भ्रष्टाचार का कारोबार रुकने का सत्तासीन पार्टी के नेता को खतरा था। उन्होंने अंदेशा व्यक्त किया है कि डायरेक्टर तो इस भ्रष्ट कारोबार का तो मोहरा मात्र है, क्योंकि अब मिल रही फीडबैक के मुताबिक इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जाए। ताकि बिना रिक्वायरमेंट के कोरोना के नाम पर करोड़ों की खरीद का पर्दाफाश हो सके।
 


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Edited By

prashant sharma

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