महिला मोर्चा के दम पर विपिन परमार ने बदला सुलह में 55 साल पुराना रिवाज
punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 07:21 PM (IST)
परौर (पांजला) : 55 साल से सुलह में हर पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन का रिवाज भाजपा प्रत्याशी विपिन सिंह परमार ने महिला मोर्चा के दम पर बदल दिया है। 55 साल में पहली बार सुलह में मुख्य मुकाबला भाजपा और आजाद के बीच था। विपिन सिंह परमार ने 36670 मत लेकर जगजीवन पाल को मुकाबले में 7112 मतों से हराया। जगजीवन पाल को 29558 मत पड़े। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी जगदीश सहपिया को 6828 वोट पड़े। इस जीत के बाद विपिन सिंह परमार सुलह विधानसभा क्षेत्र से 4 बार जीतने वाले पहले नेता बन गए हैं। वहीं, जीत के बाद पालमपुर में विपिन सिंह परमार ने कहा कि सुलह की जनता ने जातिवाद फैलाने वालों के खिलाफ जाकर मतदान किया है। उन्होंने सुलह के पूर्व विधायक पर आरोप लगाते कहा कि चुनाव के दौरान उन्होंने काफी जातिवाद फैलाया था जबकि कांग्रेस नेता सुलह में जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं रहे। बता दें कि 1977 से सुलह में हर साल बाद जनता विधायक बदलती रही है। इससे पहले पालमपुर में जीत के बाद समर्थकों ने विपिन सिंह परमार का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
6 हजार से ज्यादा महिलाओं ने किए थे वोट
एकजुटता के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाने वाला सुलह महिला मोर्चा का भी इस चुनाव में अहम योगदान रहा। कुल मतदान 75845 में साढे. 6 हजार से ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले थे। मतदान के अगले दिन से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सुलह में महिला मोर्चा अपना काम कर गया है। उधर, विपिन सिंह परमार की जीत के बाद सबसे ज्यादा खुशी महिलाओं में देखी गई।
48.35 फीसदी वोट अकेले विपिन परमार को
सुलह विधानसभा क्षेत्र में इस बार सबसे ज्यादा 9 प्रत्याशी मैदान में थे। 48.37 फीसदी मतों के साथ विपिन सिंह परमार सबसे आगे रहे। जबकि कांग्रेस से बागी होकर मैदान में उतरे जगजीवन पाल ने 38.97 फीसदी वोट लिए। जबकि कांग्रेस 9 फीसदी वोट ही ले सकी। इसके अलावा कोई भी कंडीडेट 1000 से ज्यादा मत नहीं ले पाया।
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2017 में परमार जीते थे 10291 मतों से
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में विपिन सिंह परमार 10291 मतों से जीते थे। 1998 में पहली बार विपिन सिंह परमार ने चुनाव जीता था।
2017 | विपिन सिंह परमार | भाजपा | 96,145 | ||
2012 | जगजीवन पॉल | कांग्रेस | 89,293 | 70 | 4,428 |
2007 | विपिन सिंह परमार | भाजपा | 57,426 | 69.6 | 999 |
2003 | जगजीवन पॉल | कांग्रेस | 50,569 | 74.8 | 10,930 |
1998 | बिपन सिंह परमार | भाजपा | 44,927 | 69.2 | 125 |
1993 | मान चंद राना | कांग्रेस | 39,317 | 77.8 | 3,267 |
1990 | शांता कुमार | भाजपा | 38,512 | 69.2 | 4,266 |
1985 | मान चंद | कांग्रेस | 30,745 | 73.5 | 461 |
1982 | शांता कुमार | भाजपा | 28,297 | 74.5 | 3,149 |
1977 | शांता कुमार | जनता पार्टी | 28,807 | 61.6 | 6,147 |