कुल्लू पुलिस के हत्थे चढ़ा साइबर क्राइम का मास्टर, लोगों को ऐसे लगाता था चूना
punjabkesari.in Tuesday, Nov 10, 2020 - 04:52 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू/दिलीप/संजीव): कुल्लू पुलिस ने साइबर क्राइम में एक नए तरह के अपराध का पर्दाफाश किया है। पुलिस थाना मनाली में एक शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह अमेजन कंपनी में मनाली में स्थित ऑफिस में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है। करीब 20 से 25 दिन पहले एक आदमी दफ्तर में आया। उसने बताया कि उसने कोई लैपटॉप ऑनलाइन ऑर्डर कर रखा है और उसे वह लैपटॉप लेना है। कंपनी के कर्मचारी ने रिकॉर्ड चैक किया तो एक ऑर्डर आया हुआ था। उस ऑर्डर को उस व्यक्ति को देने के समय कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन दिया गया था। उस आदमी से डिलीवरी ब्वॉय ने लैपटॉप लेने के एवज में कैश देने बात की, जिस पर आदमी ने कहा कि उसके पास अभी कैश नहीं है और न ही वह कोई गूगल पे इत्यादि चलाता है परंतु वह नैट बैंकिंग से लैपटॉफ की रकम (30000 रुपए) उसको दे सकता है।
उस समय कंपनी के किसी कर्मचारी के पास या कंपनी का कोई ऐसा अकाऊंट नंबर उपलब्ध नहीं था। इसलिए डिलीवरी ब्वॉय ने अपना बैंक अकाऊंट नंबर उसको दे दिया। उस व्यक्ति ने 30000 रुपए का एक मैसेज डिलीवरी ब्वॉय के मोबाइल पर भेजा, जिसमें लिखा था कि 30000 रुपए आपके खाते में जमा हो गए हैं। डिलीवरी ब्वॉय को भरोसा हो गया कि पैसे आ गए हैं और उसे लैपटॉप दे दिया। इसके बाद वह लैपटॉप लेकर चला गया। शाम के समय जब कंपनी ने हिसाब मांगा तो डिलीवरी ब्वॉय ने सारा हिसाब किया और जब पैसे निकालने लगा तो पाया कि उसके खाते में तो वह पैसे आए ही नहीं।
वह यह देख कर हैरान हो गया कि सन्देश आया है लेकिन पैसा नहीं आया तो उसे लगा कि शायद इसका मोबाइल काम नहीं कर रहा है। फिर उसने बैंक में जाकर एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश की तो पाया कि उसके खाते में 30000 रुपए आए ही नहीं। जिस पर उसे लगा कि शायद किसी टैक्नीकल फॉल्ट की वजह से ऐसा हुआ होगा। उसके पश्चात उसने उस आदमी को फोन करने की कोशिश की परंतु उसने डिलीवरी ब्वॉय का मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया। इसके पश्चात डिलीवरी ब्वॉय ने उसे ढूंढने का प्रयास किया परंतु कहीं भी उसकी जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद उसने पुलिस में रिपोर्ट कर दी। पुलिस की साइबर टीम ने जब चैक किया तो पाया कि जो मैसेज डिलीवरी ब्वॉय को भेजा गया था वह फर्जी है और एक एप से नकली तैयार किया गया है।
कुल्लू पुलिस ने तुरंत आरोपी की तलाश शुरू की और उसे मनाली के एरिया से पकड़ा। पूछताछ करने पर उसने पुलिस को गुमराह करते हुए अपना नाम अरविंद बताया और आधार कार्ड भी दिखाया। आरोपी की रिहायश की गहन सर्च करने पर पता चला कि इसका असली नाम सौरव मित्रा (30) पुत्र सुब्रत मित्रा निवासी जिला नाडिया वैस्ट बंगाल है। आरोपी की अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि यह एक बहुत बड़ा ठग है और साइबर क्राइम का मास्टर है। उसने बिहार में एक लड़के से 8 लाख रुपए की ठगी की है। अपने आपको वह डिस्कवरी चैनल का कर्मचारी बताता है और डिस्कवरी चैनल के नाम पर भी ठगी करता है।
उसने बिहार के गया में भी एक व्यक्ति के साथ ठगी की है। इसने अपने आप को डिस्कवरी चैनल का डायरैक्टर बताया था और कुछ डॉक्यूमैंट भी उसको दिखाए थे। इसके साथ-साथ उसने शिमला में भी डिस्कवरी चैनल में लोगों को काम करने के लिए धोखाधड़ी से शूट करवाए जो छितकुल में भी करवाए गए और उन लोगों से भी 3 लाख 30 हजार रुपए ठग लिए। इसके पश्चात उसने किन्नौर के भी कुछ लोगों के साथ 4.5 लाख रुपए की ठगी की है।
अभी तक जानकारी हासिल की जा रही है कि इसने किस तरह और कहां-कहां कितने लोगों शिकार बनाया है। इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की जा रही है। अभी तक यह भी पाया गया है कि यह ठग बेहद शातिर है। वह अच्छी इंगलिश बोलता है और खुद को इंजीनीयर बताता है। कम्प्यूटर का अच्छा ज्ञान रखता है और हाल ही में मनाली में 10000 रुपए महीना कमरा किराए पर लेकर लोगों से ठगी करने की कोशिश कर रहा था और बता रहा था कि वह डिस्कवरी चैनल में काम करता है और प्रोमोशन का काम लेकर लोगों के लिए ऐड कर रहा है।
कुल्लू के एसपी गौरव सिंह ने कहा कि कुल्लू पुलिस आम जनता से आग्रह करती है कि इस तरह का फ्रॉड अगर कहीं भी हुआ है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस तरह के फ्रॉड को बल्क मैसेज फ्रॉड कहते हैं। कुछ साइबर अपराधी बल्क मैसेज टैलीकॉम कंपनियों या प्ले स्टोर से मैसेज एप डाऊनलोड करके उसका दुरुपयोग करते हुए, खरीद लेते हैं और उनका मिस यूज लोगों को ठगने के लिए करते हैं। बहुत सारे लोगों ने देखा होगा कि उनको जाने-अनजाने में कई तरह (लॉटरी इंश्योरैंस के नाम पर ठगी के लिए व चेहरा पहचानो प्रतियोगिता इत्यादि) के मैसेज आते हैं। इसी तरह यह अपराधी लोगों को पैसे देने की एवज में फेक मैसेज बनाकर मोबाइल नंबर से मैसेज डिलीवर करवाता था जो नंबर कंपनी का लगता था कि संबंधित कंपनी से ही वह मैसेज आया है।
आरोपी इतना शातिर और चालाक है कि इसने अरविंद व्यक्ति के नाम से एक नकली आधार कार्ड बना रखा है, जिसका प्रयोग करके यह मनाली में एक क्वार्टर लेकर रह रहा था। इसका असली नाम सौरव मित्रा है जबकि सबको अपना नाम यह अरविंद बताता है। यह नकली आधार कार्ड इसने चंडीगढ़ से बनवाया है। आरोपी के पास एक बोलेरो गाड़ी, 6 सिम कार्ड, 2 मोबाइल सहित अन्य सामग्री मिली है। इसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इसके खिलाफ अन्य राज्यों में भी केस दर्ज हैं।