Una: इस्तीफे मांगने वालों का नहीं कोई राजनीतिक धर्म व ईमान : मुकेश अग्निहोत्री
punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2024 - 04:49 PM (IST)
ऊना (सुरेन्द्र): डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस्तीफा तो उन्हें देना चाहिए जिनका कोई राजनीतिक धर्म व ईमान नहीं है। अग्निहोत्री शुक्रवार को अनुसूचित जाति आयोग के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे और नेता विपक्ष जयराम द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के बयान पर पलटवार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी का मंत्रालय उनके पास है और इसी महीने साढ़े 67 करोड़ रुपए के वेतन और पैंशन के बिल उनके पास हैं। जयराम काहे का इस्तीफा मांग रहे हैं, इस्तीफा तो उन्हें देना चाहिए।
जयराम समझें कि जनता ने उन्हें रिजैक्ट कर दिया है। वह बाहर बैठकर पश्चाताप व आराम करें। जयराम के पास तो इतना साहस भी नहीं है कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर ओल्ड पैंशन स्कीम बंद नहीं करेंगे तथा कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई ओपीसी की सुविधा को जारी रखेंगे। जयराम प्रदेश के कर्मचारी वर्ग और प्रदेश विरोधी हैं।
भाजपा नेता दिल्ली जाते हैं और यहां के प्रोजैक्टों व प्रदेश को मिलने वाले हकों को रोकने का काम करते हैं। केंद्र ने तो कर्मचारियों के एनपीएस के 9 हजार करोड़ रुपए रोक दिए हैं। प्रदेश की कर्ज लेने की सीमाएं इसलिए सीमित कर दी हैं कि कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को ओपीएस क्यों दी। तमाम प्रकार की वित्तीय पाबंदियां लगाकर हिमाचल सरकार के विकास के कदम रोके जा रहे हैं।
स्थानीय जरूरतों के लिए होगा खनन अन्यथा लगाएंगे प्रतिबंध
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब भाजपा सरकार थी तो ऊना से खनन मैटीरियल के 500-500 टिप्पर निकलते थे। यह एक बड़ा मुद्दा था। उन्होंने डीसी व एसपी को हिदायत दी कि सायं 7 से 10 बजे तक और सुबह 6 से 9 बजे तक कोई भी टिप्पर सड़कों पर दिखना नहीं चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि न तो वह पेड़ कटने देंगे और न ही खनन को अनुमति दी जाएगी और न ही यहां चिट्टा बिकने दिया जाएगा।
ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी। खनन केवल स्थानीय जरूरतों के लिए होगा अन्यथा वह पूरे खनन पर प्रतिबंध लगाएंगे। मुकेश ने कहा कि आखिर बॉर्डर पर रोजाना किसकी गाड़ियां लकड़ी से भरी हुई पहुंच रही हैं और ये लोग कौन हैं? वन विभाग इन पर कड़ी कार्रवाई करे। पीपल और वट वृक्षों को काटने वालों को कड़ी सजा दी जाए।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पत्नी के निधन के बाद ऊना जिला और पूरा हिमाचल उनके लिए एक परिवार है। लोग चाहें तो वह झोंपड़ी में रहने के लिए तैयार हैं लेकिन हर वक्त वह लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे।