बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध मंदिर में ये सुविधाएं बंद करने पर ट्रस्ट और महंत आमने-सामने

punjabkesari.in Saturday, Apr 03, 2021 - 11:23 PM (IST)

दियोटसिद्ध (ब्यूरो): बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने के मुद्दे पर मंदिर न्यास और मंदिर के महंत आमने-सामने आ गए हैं। मंदिर के महंत राजिंद्र गिरी महाराज पिछले कुछ दिनों से दियोटसिद्ध में आने वाले श्रद्धालुओं को रहने-खाने की सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर लगातार मांग उठा रहे हैं और उन्होंने कोरोना की आड़ में श्रद्धालुओं से रहने-खाने जैसी मूलभूत सुविधाओं को छीनने के आरोप मंदिर न्यास पर लगाए हैं। इन्ही आरोपों को लेकर शनिवार को न्यास प्रशासन ने मंदिर अधिकारी के हवाले से जारी प्रैस विज्ञप्ति में पलटवार करते हुए अपनी सफाई दी है। न्यास ने मंदिर अधिकारी कृष्ण कुमार की तरफ  से जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि न्यास हमेशा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए चिंतित रहता है लेकिन कोविड के कारण सरकार की एसओपी का ध्यान रखते हुए कुछ सुविधाओं को बंद किया गया है।

मंदिर अधिकारी ने कहा कि मंदिर की व्यवस्था सरकार के अधीन है तथा सरकार की तरफ  से तहसीलदार से लेकर आईएएस अधिकारी यहां की व्यवस्था देखते हैं, ऐसे में यह सवाल नहीं उठता है कि हम श्रद्धालुओं से सुविधाओं को छीन रहे हैं लेकिन कोविड के कारण व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया, जिसके तहत सरायों को बंद किया गया है और लंगर को भी बंद किया गया है। मंदिर अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि श्रद्धालुओं को पूरी सुविधाएं मिलें लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण सख्ती की गई है।

उधर, मन्दिर न्यास प्रशासन के बयानों के उपरांत मंदिर के महंत राजिंद्र गिरी ने फिर दोहराया की उनकी लड़ाई व्यक्तिगत अथवा प्रशासन के खिलाफ  नहीं है, वह मंदिर में आने वाले उन लाखों लोगों के हितों की पैरवी कर रहे हंै जो न्यास के फरमानों के उपरांत रहने और खाने की सुविधा के लिए भटक रहे हैं। ये वो भक्त हैं जो मंदिर को सालाना करोड़ों का चढ़ावा दान के रूप में देते हैं। अधिकारी चाहते तो 50 प्रतिशत क्षमता के साथ भी लंगर और सराय खोल सकते थे लेकिन न्यास ने एक बार भी यह नहीं सोचा। महंत ने कहा कि मैं श्रद्धालुओं के हितों के लिए आवाज उठा रहा हूं और आगे भी उठाता रहूंगा।


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Content Writer

Vijay

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