चोरों ने घर में घुसकर आराम से दिया वारदात को अंजाम, परिवार को नहीं लगी भनक
punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2017 - 11:17 PM (IST)
स्वारघाट: विकास खंड श्री नयनादेवी जी की ग्राम पंचायत स्वाहण के गांव धरा में चोरों ने एक बार फिर अपनी सक्रियता दिखाते हुए नकदी सहित लाखों रुपए के गहनों पर हाथ साफ कर दिया और घरवालों को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। धरा गांव के गुरनाम सिंह के घर में सेंध लगाते हुए चोर 70 हजार रुपए नकद, 3 सोने की अंगुठियां, 1 सोने का गले का हार, 1 सोने का चक, 1 सोने की बिंदी सहित अन्य चांदी के गहनों को चुरा ले गए हैं। जानकारी देते हुए गुरनाम सिंह ने बताया कि घटना वाले दिन वह तथा उसके परिवार के सदस्य अपने-अपने कमरों में सो रहे थे। अगले दिन सुबह जब गहने व नकदी वाले कमरे का दरवाजा खुला देखा तो घर के सदस्यों ने अंदर जाकर देखा तो गहनों वाला ट्रंक गायब होने के साथ ही कैश रखे जाने वाले ट्रंक का भी ताला टूटा पड़ा था। चोरी का पता चलने पर गुरनाम सिंह ने सारे मामले की सूचना पुलिस थाना कोट को दी। सूचना मिलते ही डी.एस.पी. नयनादेवी बलदेव दत्त की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का जायजा लिया।
घर से कुछ दूरी पर बरामद हुआ ट्रंक
पुलिस ने जब चोरी वाले घर के आसपास नजर दौड़ाई तो टूटा ताला मिलने के साथ ही गांव में बने जोहड़ के पास कुछ दूरी पर पुलिस ने चोरी हुए गहनों वाले ट्रंक को भी खाली बरामद कर लिया। डी.एस.पी. नयनादेवी बलदेव दत्त ने गुरनाम सिंह से चोरी वाली रात बारे जानकारी लेने के साथ ही आस-पड़ोस के घरों से भी मामले संबंधी पूछताछ करके आवश्यक जानकारी जुटाई। एस.एच.ओ. कोट बलबीर सिंह ने बताया कि चोरी वाले घर का जायजा लेने के साथ ही घटनास्थल से टूटे मिले तालों व अन्य जगहों से फिंगर प्रिंट के निशान ले लिए हैं तथा घटनास्थल से सबूत के तौर पर अभी तक कुछ नहीं मिला है।
कटर से तोड़े गए ताले
पुलिस की मानें तो इतना जरूर है कि दरवाजे के बाहर लगे ताले को तोडऩा उसके बाद अंदर जाकर कैश वाले ट्रंक को साथ न ले जाकर घर में सदस्य होने के बावजूद ताले को चोरों द्वारा मौके पर ही तोडऩा तथा उसके बाद घर के करीब ही खाली मिले दूसरे ट्रंक का मिलना इस ओर इंगित करता है कि चोरों द्वारा चोरी जल्दबाजी में न करके बड़े आराम से की गई है जो पुलिस के गले से नीचे नहीं उतर रही है। एस.एच.ओ. बलबीर सिंह के अनुसार डडोह गांव की चोरी व धरा गांव में हुई इस चोरी का ट्रैंड काफी मिलता-जुलता रहा है तथा दोनों ही जगह फिंगर प्रिंट्स की पहचान छुपाने के लिए तालों को तोडऩे के लिए कटर की सहायता ली गई है।