Mandi: एआई तकनीक से रक्षा क्षेत्र के लिए नए कार्य करने की जरूरत : राजनाथ
punjabkesari.in Monday, Feb 24, 2025 - 10:14 PM (IST)
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मंडी (रजनीश): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने सोमवार को 16वां स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल और रोवियल स्पेस (फ्रांस) के सीटीओ डाॅ. अमित कुमार पांडेय विशिष्टातिथि के रूप में उपस्थित रहे। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत शीघ्र ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत वर्तमान में 70 प्रतिशत रक्षा सामग्री बना रहा है तथा 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही 2029 तक 50,000 करोड़ के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले रक्षा सामग्री आयात करनी पड़ती थी, लेकिन अब भारत ने 2023-24 में 23 करोड़ रुपए की रक्षा सामग्री निर्यात की है। आईआईटी मंडी पहले से ही डीआरडीओ के साथ रक्षा अनुसंधान में कार्य कर रहा है, लेकिन हमें आईआईटी मंडी से और भी उम्मीदें हैं क्योंकि यह दिल मांगे मोर। राजनाथ सिंह ने कहा कि एआई तकनीक से रक्षा के क्षेत्र के लिए नए कार्य करने की जरूरत है, ताकि डिफैंस सैक्टर को और ज्यादा मजबूत किया जा सके। इसके अलावा साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमें अपने स्वयं के फायरवाल और सुरक्षा अवसंरचना विकसित करनी होगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी मंडी के शोधकर्त्ता रोबोटिक्स, ड्रोन टैक्नोलॉजी और वर्चुअल रियलिटी जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आने वाला समय क्वांटम कम्प्यूटिंग का है और भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि तकनीक में हो रहे बदलावों में क्वांटम कम्प्यूटिंग एक बड़ा उदाहरण है। पहले हमारे लिए सुपर कम्प्यूटर ही तकनीक की ऊंचाई थे, लेकिन हाल ही में गूगल ने विलो नामक क्वांटम चिप लांच की है। यह चिप मात्र 5 मिनट में उन गणनाओं को पूरा कर सकती है, जिनमें दुनिया के सबसे उन्नत सुपर कम्प्यूटर को 10 सेप्टिलियन साल (पूरे ब्रह्मांड की आयु से भी अधिक) लगेंगे। उन्होंने आईआईटी मंडी के विजन को सराहा और छात्रों से इस क्षेत्र में नए अनुसंधान करने को कहा।
आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्ज के अध्यक्ष लैफ्टिनैंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवलजीत सिंह ढिल्लों और संस्थान के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहेरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। रक्षा मंत्री ने आईआईटी मंडी के गाइडैंस एंड काऊंसलिंग सर्विसिज का उद्घाटन भी किया। समारोह के दौरान संस्थान की यात्रा और उपलब्धियों को दर्शाने वाली एक वीडियो स्क्रीनिंग की गई। इसके साथ ही फाऊंडेशन-डे अवार्ड्स के तहत छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। पुरस्कारों में यंग फैकल्टी फैलो अवार्ड, यंग अचीवर अवार्ड (फैकल्टी/एलुमनाई), स्टूडैंट्स एकैडमिक एक्सीलैंस अवार्ड और स्टूडैंट्स टैक अवार्ड शामिल रहे।
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहेरा ने कहा कि अब क्वांटम एआई का समय आ चुका है और आईआईटी मंडी इस क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है। हम इस साल 16-चैनल क्वांटम एआई कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं और इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। अब हम 64-चैनल क्वांटम एआई कम्प्यूटर बनाने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अनुदान प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। यदि मंजूरी मिलती है तो 2 वर्षों में भारत का सबसे बड़ा क्वांटम कम्प्यूटर आईआईटी मंडी में होगा।