Mandi: बेघर हुए परिवारों की दास्तां : बाढ़ ने उजाड़ दिए आशियाने, मलबा देखकर सिसक रहे बेघर परिवार
punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 10:55 PM (IST)

थुनाग (मंडी)(रजनीश ) : थुनाग में 29 जून रात को आई बाढ़ ने कई परिवारों के सिर से छत तो छीन ली, तो कइयों की जीवन भर की पाई-पाई जोड़कर एकत्रित किए गए घरेलू सामान को पानी अपने साथ बहा कर ले गया। थुनाग के डोले राम पुत्र मनी राम और स्व. वीर सिंह के परिवार को यह आपदा जिंदगी भर न भुला देने वाला जख्म देकर चली गई। आंखों के सामने उनके आशियाने पल भर में बाढ़ में रात के अंधेरे में बहकर जमींदोज होकर रह गए, लेकिन इनका परिवार कुछ भी नहीं कर पाया और जैसे-तैसे करके भागकर जान बचाई। टेक सिंह ने बताया कि उनके पास अब कुछ भी नहीं बचा है। जो था वह बाढ़ में बह गया। मकान के साथ-साथ सब कुछ बह गया।
जहां रहते थे हंसी-खुशी, वहां अब पत्थर ही पत्थर
डोले राम के भाई बुधे राम का इस आपदा का शिकार होने के बाद वीरवार को 10वां दिन था। घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने के बाद 10वें दिन कुछ संस्कार को पूरा किया गया। उसके बाद बेघर हुए परिवार के सदस्य उस जगह एकत्रित होकर बैठे गए, जहां पर वे 10 दिन पहले हंसी-खुशी परिवार के साथ रहा करते थे। अब उसकी जगह पर पत्थर ही पत्थर हैं और इन पर बैठकर उस भयानक रात को याद करते हुए सिसक जाते हैं।
मकान बह गए, चाचा भी दुनिया को अलविदा कर गए
टेक सिंह पुत्र स्व. बीर सिंह ने आपबीती बताते हुए कहा कि उस रात को करीब साढ़े 11 बजे पहले थोड़ा-थोड़ा पानी आना शुरू हुआ। उसके बाद बीच-बीच में पानी के साथ मलबा आने लगा। बाढ़ का पानी घरों में आता देखकर परिवार के सदस्यों को निकालना शुरू किया। जैसे-तैसे करके भाग कर परिवार के सभी सदस्यों ने बच्चों के साथ सुरक्षित स्थानों पर रात के अंधेरे में साथ लगते स्कूल तक पहुंच कर अपनी जान बचाई।
इन्हें गहरे जख्म दे गई बाढ़
स्व. बीर सिंह के बेटे केशव राम के परिवार के 4 सदस्य, कन्हैया लाल के 5 और टेक सिंह के परिवार के 4 और डोले राम व उनकी पत्नी और उनका बेटा परस राम के परिवार के 4 सदस्य, बलदेव के परिवार के 4 व सोहन लाल व उनकी पत्नी सतारा देवी का मकान भी इस बाढ़ में बह गया। इन परिवारों के पास 2-2 कमरों के मकान थे।
चिकित्सकों ने 14 किलोमीटर पैदल चलकर वृद्ध 78 वर्षीय लज्जे राम की बचाई जान
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थुनाग की टीम ने 78 वर्षीय लज्जे राम को समय पर आवश्यक चिकित्सा सेवा पहुंचाने के लिए 14 किलोमीटर पैदल यात्रा की। ग्राम पंचायत पखरेर के गांव बाराड़ निवासी लज्जे राम बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (बी.पी.एच.) के पुराने मरीज हैं। हाल ही में उनकी फोली कैथेटर अवरुद्ध हो गई थी। अत्यधिक कमजोरी और परिवहन साधन उपलब्ध न होने की स्थिति में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थुनाग से डा. अभिषेक के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने एकतरफा 14 किलोमीटर का दुर्गम पहाड़ी रास्ता पैदल तय कर बाराड़ गांव पहुंचकर कैथेटर को सफलतापूर्वक बदला और उन्हें राहत प्रदान की।