इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने NGT के आदेशों को SC में चुनौती दी

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 10:55 AM (IST)

शिमला(तिलक राज): राजधानी को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है, लेकिन नगर निगम ने दो साल बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया है। बता दें कि स्मार्ट सिटी का कार्य एनजीटी के आदेशों की वजह से नहीं हो पा रहा है। स्मार्ट सिटी में 2905 करोड़ के काम होने हैं, लेकिन शिमला में कोर और ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगी है। ऐसे में अब अक्टूबर महीने में एनजीटी की सुनवाई पर नजर टिकी है। इसके अलावा राज्य सरकार ने एनजीटी के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यदि कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आता है तो शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विकासात्मक कार्य शुरू हो सकते हैं।
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गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार से दो साल पहले ही शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया था। जिसमे बहुमंजिला भवन निर्माण सहित कई आधुनिक तकनीक से होने वाले विकास कार्य होने हैं।केंद्र सरकार से इसके लिए राशि भी मिल चुकी है, लेकिन शहर में ढाई मंजिल से उपर भवन बनाने पर रोक लगाई गई है। हालांकि कुछ कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू कर भी दिए गए हैं, लेकिन कई बड़े काम नगर निगम शुरू नही कर पा रहा है। नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो बड़े विकासात्मक कार्य होने हैं उन्हें एनजीटी के आदेशों के चलते शुरू नहीं कर पाए हैं। सरकार को एनजीटी के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।
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kirti

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