एक पल में आपदा ने हमारा सब कुछ छीन लिया.. बेघर परिवारों का CM सुक्खू के आगे छलका दर्द
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 10:34 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की लोंगणी पंचायत के रैंबला वार्ड में स्थित स्याठी गांव में कुदरत का ऐसा कहर टूटा है कि करीब 18 परिवार बेघर हो गए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन आपदा प्रभावितों से मुलाकात की, जहां लोगों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए अपना दर्द बयां किया। आपदा से सब कुछ गंवा चुके लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े।
ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने बड़ी मेहनत और जीवन भर की कमाई से अपने आशियाने बनाए थे, लेकिन एक ही पल में आपदा ने उनका सब कुछ छीन लिया। अब उनके पास पहनने के लिए सिर्फ वही कपड़े बचे हैं, जो उन्होंने उस भयानक दिन पहने थे। इन बेघर परिवारों ने फिलहाल मंदिर की सराय में शरण ले रखी है। उनकी सबसे बड़ी चिंता अब यह है कि दोबारा घर कैसे बनाएं, क्योंकि न तो उनके पास पूंजी बची है और न ही रहने के लिए सुरक्षित जमीन। उनकी जीवन भर की जमा-पूंजी और सपनों का घर आपदा में जमींदोज हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से भावुक अपील करते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मदद करती भी है, तो वे अपना घर बनाएंगे कहां? क्योंकि उनके पास अब न तो कोई जमीन बची है और न ही कोई पैसा।
मंडी ज़िला में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का ज़मीनी स्तर पर निरीक्षण किया। यहाँ जो दृश्य मैंने देखे, वे भीतर तक झकझोर देने वाले हैं। उजड़े घर, टूटी सड़कें, सदमे में परिजन और हर ओर फैला दर्द -जिसे शब्दों में बाँध पाना मेरे लिए बेहद कठिन है।
कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो… pic.twitter.com/58vrCinExL
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) July 2, 2025
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में इस दर्दनाक स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, मंडी ज़िला में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का ज़मीनी स्तर पर निरीक्षण किया। यहाँ जो दृश्य मैंने देखे, वे भीतर तक झकझोर देने वाले हैं। उजड़े घर, टूटी सड़कें, सदमे में परिजन और हर ओर फैला दर्द -जिसे शब्दों में बाँध पाना मेरे लिए बेहद कठिन है।
कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, कईयों की जीवन भर की पूँजी पल भर में मिट्टी में मिल गई। राज्य सरकार इस कठिन समय में आपके साथ खड़ी है। आपका दु:ख, मेरा अपना दु:ख है। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ -हम सब मिलकर इस संकट से ज़रूर उबरेंगे।