शहीद बृजेश को नम आंखों से दी विदाई, पत्नी बोली- शेर दिल था वो

punjabkesari.in Saturday, Oct 27, 2018 - 04:33 PM (IST)

ऊना (अमित) : एक तरफ देश मे जहां विवाहित महिलाएं करवाचौथ मना रही हैं, और अपने पति की लंबी उम्र की दुआएं मांग रहीं हैं, वहीं एक विवाहिता ऐसी भी है जिसने करवाचौथ के ही दिन अपने शहीद सैनिक पति को अंतिम विदाई दी। दरअसल जम्मू कश्मीर के सोपोर में शुक्रवार सुबह आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। जिनका पार्थिव शरीर शनिवार को पैतृक निवास ऊना के बंगाणा में पहुंचा। जहां उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बृजेश शर्मा 14 पंजाब रेजीमेंट में साल 2003 में भर्ती हुए थे और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के शोपियां में तैनात थे। बृजेश शर्मा की शहादत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। 

PunjabKesariबताया जा रहा है कि शहीद  बृजेश की शहादत की खबर से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी पत्नी दो माह से गर्भवती है. बृजेश अपने पीछे अपनी माता ध्रुवी देवी, पत्नी श्वेता, एक 6 वर्षीय बेटी और एक भाई को छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी श्वेता दो माह से गर्भवती हैं, लेकिन अपने दूसरे बच्चे को देखने से पहले ही बृजेश शर्मा शहीद हो गए. गांव के लोग शहीद के परिवार वालों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं। कहते हैं कि एक सैनिक के परिवार का हौंसला भी उसकी तरह देशभक्ति युक्त हो जाता है , इसकी बानगी शहीद बृजेश के परिवार में भी दिखाई दी । शहीद बृजेश की पत्नी श्वेता ने रुंधे स्वर में बताया कि वो कहते थे कि पहले स्थान पर देश , दूसरे स्थान पर मां-बाप और फिर तीसरे स्थान पर पत्नी है। श्वेता ने बृजेश को देश का बहादुर बेटा बताया।
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वहीं दूसरी ओर परिवार ने प्रधानमंत्री से आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने और इसे जड़ से खत्म करने की अपील की है, ताकि किसी पत्नी का सुहाग ना उजड़े, किसी मां बाप का बेटा ना जुदा हो  इतना ही नहीं उनकी शहीद की मां ने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए सरकार से मदद की मांग उठाई। शहीद बृजेश अपनी बेटी को आईपीएस ऑफिसर बनाना चाहता था। एक सेना के अधिकारी ने बताया कि 14 पंजाब रेजीमेंट में तैनात रहे बृजेश कश्मीर शोपियां में तैनात रहकर देश की रक्षा कर रहे थे। वहीँ हिमाचल सरकार की ओर से शहीद को अंतिम विदाई देने आये पंचायतीराज मंत्री ने सरकार की ओर शहीद के परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। पंचायतीराज मंत्री ने शहीद  को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, परिवारिक सदस्य को नौकरी, बेटी की पढ़ाई का खर्च और शहीद के नाम पर गांव का गेट और सड़क का नाम करने की घोषणा की है।  
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