शिक्षकों को न सौंपी जाए मिड-डे मील के साथ सुबह के नाश्ते की जिम्मेदारी

punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2019 - 09:59 AM (IST)

शिमला (प्रीति) : नई शिक्षा नीति में केंद्र सरकार स्कूलों के छात्रों को मिड-डे मील के साथ सुबह के नाश्ते की व्यवस्था भी करने जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र स्कूलों का रुख कर सकें। केंद्र के इस कदम को प्रदेश के सभी राज्यों ने सराहनीय बताया है लेकिन शिक्षकों को इस कार्य की अतिरिक्त जिम्मेदारी देने को लेकर कई राज्यों ने इसका विरोध भी किया है। बीते माह में दिल्ली में नई शिक्षा नीति को लेकर हुई बैठक में हिमाचल के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित देश के कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए स्कूलों में मिड-डे मील और नाश्तेे की अलग से व्यवस्था करने को कहा है।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना कि स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील के साथ सुबह के नाश्ते की योजना शुरू करना अच्छी पहल है लेकिन इससे स्कूलों में शिक्षकों का काम बढ़ जाएगा। पहले ही स्कूलों में शिक्षक शैक्षणिक कार्यों के अलावा दर्जनों अतिरिक्त कार्य करते हैं। मौजूदा समय में मिड-डे मील का कार्य भी शिक्षक ही देख रहे हैं, ऐसे में यदि स्कूलों में सुबह के नाश्ते की योजना भी शुरू होती है तो इससे शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने बैठक में मिड-डे मील और सुबह के नाश्ते के लिए अलग से व्यवस्थाएं करने की मांग रखी। शिक्षकों को इन कार्यों में शामिल न करने की सिफारिश भी बैठक में की गई।

जानकारी के मुताबिक हिमाचल सहित इसका विरोध मध्य प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना, मेघालय, राजस्थान ने भी किया है। राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने स्कूलों में इसके लिए अलग से व्यवस्था करने की सिफारिश की है ताकि शिक्षकों पर इसका बोझ न पड़े। बैठक में पहाड़ी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने तर्क दिया कि इससे पहाड़ी राज्योंं के स्कूलों में शिक्षकों की दिक्कतें और बढ़ जाएंगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Simpy Khanna

Recommended News

Related News