सरकार के इस कदम से टैक्सियां बेचने को मजबूर हुए चालक, कारोबारियों की बढ़ी मुश्किलें

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 03:39 PM (IST)

शिमला (राजेश): प्रदेश सरकार के हर साल बदलते नियमों से हिमाचल के टैक्सी चालकों व कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। सरकार द्वारा टैक्सी परमिट की वैल्यू यानी समय घटा दिया गया है। जहां पहले टैक्सी चालकों को टैक्सी नंबर पर 14 साल का परमिट मिलता था, वहीं पिछले कुछ सालों से यह परमिट सिर्फ 10 साल का कर दिया गया है जिससे टैक्सी चालक परेशान और टैक्सियां बेचने को मजबूर हैं तथा बेरोजगारी की राह पर जा रहे हैं। ऐसे में न तो अब उनके पास टैक्सी चलाने को रह गई है और न ही कोई दूसरा काम व नौकरी उनके पास है। सरकार के नियमों के अनुसार अब टैक्सी चालकों को 10 साल तक ही परमिट मिल रहा है जिस पर वे टैक्सी चला सकते हैं, वहीं टैक्सी चालकों के लिए ऑल इंडिया परमिट सिर्फ 8 साल का ही रहेगा।

8 साल टैक्सी चलाने के बाद 2 सालों के लिए उन्हें स्टेट परमिट पर गाड़ी चलानी पड़ेगी, जबकि पहले यह 12 सालों के बाद होता था। हिमाचल में ऑल इंडिया परमिट एच.पी.-01 के नंबर से चलता है, वहीं स्टेट लेवल परमिट में एच.पी.-02 नंबर लेना होगा। राजधानी शिमला के टैक्सी चालकों ने प्रदेश सरकार व परिवहन विभाग से टैक्सी परमिट को एक बार फिर से 14 साल तक दिए जाने पर मंथन करने की गुहार लगाई है क्योंकि हिमाचल एक पर्यटन राज्य है और हजारों लोगों को पर्यटन से रोजगार भी मिल रहा है। प्रदेश में 20,000 टैक्सियां आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब 20,000 टैक्सियां हैं और बात करें शिमला जिला की तो शिमला में 8 से 9 हजार टैक्सियां हैं।

इन टैक्सियों से हजारों लोगों का रोजगार चल रहा है लेकिन नए नियमों के अनुसार टैक्सी चालक 10 साल बाद टैक्सी बेच रहे हैं क्योंकि उनका परमिट खत्म हो रहा है जबकि 10 सालों में तो टैक्सी चालकों का टैक्सी के लिए लिया लोन भी पूरा नहीं हो रहा है। ऐसे में न तो उनकी कमाई हो रही है, वहीं प्रदेश में टैक्सी कारोबार भी घट रहा है। परिवहन मंत्री से कई बार मिल चुकी है ज्वाइंट वैल्फेयर कमेटी प्रदेश में टैक्सी परमिट की वैल्यू 14 साल से 10 साल करने को लेकर शिमला की 25 टैक्सी यूनियनों की ज्वाइंट वैल्फेयर कमेटी कई बार परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मिल चुकी है लेकिन टैक्सी चालकों की इस समस्या को लेकर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही जबकि टैक्सी कारोबार खतरे में है।


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kirti

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