सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के 6 बागियों से पूछा ये सवाल, अब 18 मार्च को होगी मामले की सुनवाई

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 05:32 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की तरफ से कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने से जुड़े मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान याचिकाकर्ताओं से पूछा कि आखिर आपके किस मौलिक अधिकार का उल्लंघंन हुआ और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया? न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ता (अयोग्य घोषित) विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन से ये सवाल पूछा। पीठ के समक्ष दलील देते हुए अधिवक्ता जैन ने कहा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है, जहां विधायकों को 18 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस पर पीठ ने उनसे पूछा, यहां किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है? जैन ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को लोगों की तरफ से विधिवत चुना गया है। पीठ ने कहा कि लेकिन यह मौलिक अधिकार नहीं है। पीठ जैन द्वारा यह कहे जाने के बाद कि याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे की दलील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे रखेंगे और वह कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके। अब इसे मामले को सोमवार (18 मार्च) के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिए गए हैं।

क्या है मामला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गत 29 फरवरी को कांग्रेस पार्टी के 6 बागी विधायकों सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा की पार्टी व्हिप उल्लंघन करने के आरोप में सदस्यता को समाप्त कर दिया था। हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से सुनाया गया है। इसके बाद बागियों ने इस निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

अयोग्य घोषित करने से कांग्रेस को विधानसभा में बहुमत प्राप्त
कांग्रेस के 6 बागियों की सदस्यता समाप्त होने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्तारुढ़ कांग्रेस को बहुमत प्राप्त है। मौजूदा समय में कांग्रेस के 34, भाजपा के 25 और निर्दलीय 3 विधायक है। इसके अलावा 6 की सदस्यता समाप्त होने से इतने ही स्थान खाली पड़े हैं। ऐसे में भाजपा के 25 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने से भी उसकी संख्या 28 हो जाएगी। इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आने वाले किसी भी निर्णय से प्रदेश की सियासत पर असर पड़ेगा।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News