पोस्ट कोड-447 के तहत चयनित अभ्यर्थियों की सेवाओं को खारिज करने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2023 - 10:16 PM (IST)

शिमला (मनोहर): सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर ऑफिस असिस्टैंट के पदों की भर्तियों को लेकर दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए पोस्ट कोड-447 के तहत चयनित अभ्यर्थियों की सेवाओं को खारिज करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को भी खारिज कर दिया जिसके तहत हाईकोर्ट ने अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग को पोस्ट कोड-556 के विज्ञापन के तहत घोषित सभी पदों को पोस्ट कोड-447 के तहत की गई भर्तियों के अनुसार करने व मैरिट लिस्ट पुन: तैयार करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने पोस्ट कोड-817 के तहत विज्ञापित पदों को 2020 में बनाए भर्ती नियमों के अनुसार ही करने के आदेश भी जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार की कैबिनेट द्वारा पोस्ट कोड-447 के लिए विज्ञापित पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि के बाद लिए उस निर्णय को भी खारिज कर दिया जिसके तहत कैबिनेट ने उक्त पदों को भरने के लिए योग्यता में छूट बारे स्पष्टीकरण को स्वीकृति दी थी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2014 में जेओए के पदों को भरने हेतु भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाए थे। 13 फरवरी 2015 को पोस्ट कोड-447 के तहत 1421 पदों को भरने हेतु आवेदन आमंत्रित किए। 

कुछ अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए बनाए भर्ती नियमों में खामियां बताते हुए इन भर्तियों को अदालत में चुनौती दी। कोर्ट में जेओए के 2014 वाले नियमों के खिलाफ याचिकाओं के लंबित रहते सरकार ने पोस्ट कोड-556 के तहत 1156 जेओए के पदों को भरने के लिए 18 अक्तूबर, 2016 को आवेदन आमंत्रित कर दिए। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी रहते कुछ अभ्यर्थियों ने इन भर्तियों को भी अदालत में चुनौती दी। मामले अदालत में होने के कारण सरकार 1156 पदों में से सिर्फ 596 पद ही उक्त भर्ती नियमों के तहत भर पाई और सरकार ने बाकी बचे पदों को न भरने और इन्हें फिर से विज्ञापित करने का फैसला किया। कुछ अभ्यर्थियों ने पद निरस्त किए जाने के फैसले को भी अदालत में चुनौती दी थी।

वर्ष 2020 में सरकार ने जेओए के भर्ती नियमों में संशोधन किया और 21 सितम्बर 2020 में पोस्ट कोड-817 के तहत फिर से जेओए के पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। इन भर्तियों को भी कुछ अभ्यर्थियों ने अदालत में यह कहते हुए चुनौती दी कि सरकार द्वारा किया गया संशोधन सही नहीं है और ये पद 2014 के नियमों के अनुसार ही भरे जाएं। हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए पोस्ट कोड-556 के बचे हुए पद उसी तरह भरने के आदेश दिए थे जिस तरह पोस्ट कोड-447 के पद भरे गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब पोस्ट कोड-556 के लिए वर्ष 2020 के नियमानुसार चयनित अभ्यर्थियों में वे अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकेंगे जिन्हें प्रदेश सरकार के कैबिनेट के निर्णय के अनुसार पात्र बना दिया था।
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Content Writer

Vijay

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