MBBS दाखिले में फर्जीवाड़ा : नीट एग्जाम में चौथी बार असफल रहा छात्र, मानसिक तनाव में आकर बनाया फर्जी सर्टीफिकेट

punjabkesari.in Wednesday, Jan 04, 2023 - 09:24 PM (IST)

शिमला (रविंद्र जस्टा): इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस के दाखिले में हुए फर्जीवाड़े मामले को लेकर आरोपी छात्र के अब राज खुलने शुरू हो गए हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी छात्र कार्तिक ने बताया कि वह घर से इकलौता बेटा है। चौथी बार नीट का एग्जाम दिया था। जब चौथी बार भी असफल रहा तो मानसिक तनाव में आकर फर्जी सर्टीफिकेट बना डाला। डाॅक्टर बनना लक्ष्य था। आरोपी छात्र के नीट एग्जाम में 400 अंक आए थे, ऐसे में वह मैरिट लिस्ट से बाहर हो रहा था। तभी छात्र ने टैंपरिंग कर 400 से सीधे 560 अंक बनाए। 

ऐसे चला फर्जीवाड़े का पता
अटल मेडिकल रिसर्च विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी ने मेडिकल काॅलेजों में एडमिशन के लिए काऊंसलिंग करवाई थी, जिसके आधार पर उसे आईजीएमसी में एडमिशन मिल गई। आईजीएमसी में पहले 3 बार काऊंसलिंग हुई। उसके बाद मॉपअप राऊंड हुआ। जब ब्रांच में सार्टीफिकेट को अपलोड कर रहे थे तो उसमें पाया गया कि इस रैंक में तो हरियाणा की छात्रा है। उसके बाद तुरंत आईजीएमसी प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू की। जांच में सार्टीफिकेट फर्जी पाया गया। छात्र बिलासपुर के घुमारवीं का रहने वाला है और उसके पिता सीमैंट फैक्टरी में काम करते हैं। बेटे के ऐसे कारनामों से मां व पिता के होश उड़ गए हैं।

चंडीगढ़ में हुई थी आरोपी छात्र की छात्रा से पहचान  
आरोपी छात्र की छात्रा से चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान पहचान हुई थी। यह बात छात्र ने स्वयं कबूली है। हालांकि इसका छात्रा को कोई पता नहीं है। पुलिस पूछताछ में छात्र ने यह भी कबूला है कि नैशनल टैस्टिंग एजैंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई नीट के रिजल्ट के बाद सार्टीफिकेट में उसने स्वयं ही छेड़छाड़ की है।

छात्र ने अपने मोबाइल पर ही बनाया फर्जी सर्टीफिकेट
आरोपी छात्र ने अपने मोबाइल पर ही फर्जी सर्टीफिकेट बनाया था। आरोपी ने पहले छात्रा का पीडीएफ फाइल में सर्टीफिकेट डाऊनलोड किया। उसके बाद एडिट कर उसमें अंक बदल दिए और सर्टीफिकेट तैयार कर दिया। वैसे पुलिस को किसी गिरोह के होने की अशंका है लेकिन अभी प्राथमिक जांच में सिर्फ यह सामने आया है कि सर्टीफिकेट युवक ने स्वयं ही तैयार किया है।  

क्या कहती हैं आईजीएमसी की प्रिंसीपल
आईजीएमसी की प्रिंसीपल सीता ठाकुर ने बताया कि हमने यह मामला अब पुलिस को सौंप दिया है। आरोपित छात्र ने एनटीए की वैबसाइट पर घोषित रिजल्ट से किसी छात्रा का सर्टीफिकेट डाऊनलोड कर उसमें छेड़छाड़ कर फर्जी सार्टीफिकेट बनाया था। आईजीएमसी की ब्रांच में जब इसका पता चला तो हमें इसकी सूचना दी। उसके बाद हमने जांच शुरू की और छात्र का सार्टीफिकेट फर्जी पाया गया। उसके बाद छात्र को सस्पैंड कर दिया गया है। अब आईजीएमसी में इस तरह का कोई और मामला सामने नहीं आया है। 

2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा आराेपी
एएसपी शिमला सुनील नेगी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हमने सदर थाना में आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले को लेकर गंभीरता से जांच की जा रही है। छात्र को शीघ्र ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसका जो सर्टीफिकेट है वह फर्जी पाया गया है। इसने किसी लड़की के सर्टीफिकेट के अंक के आधार पर अपना फर्जी सर्टीफिकेट बनाया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर दिया है, जहां से उसे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

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Content Writer

Vijay

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