Himachal: शिक्षा मंत्री ने केंद्र से हिमाचल में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान और आपदा प्रभावित स्कूलों के लिए मांगा राहत पैकेज
punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 07:33 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ एक बैठक की। इस बैठक में हिमाचल में शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ ही हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान समग्र शिक्षा हिमाचल के निदेशक राजेश शर्मा विशेष तौर पर मौजूद रहे। शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़सवा देने के लिए हिमाचल में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) की स्थापना का प्रस्ताव रखा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तरी भारत में कोई क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) नहीं है, जिससे शिक्षक प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में बाधा आ रही है। शिक्षा मंत्री ने हिमाचल में आपदा से प्रभावित स्कूलों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण 1100 से अधिक स्कूलों में बुनियादी ढांचे को नुक्सान पहुंचा है, जिससे स्कूलों में पढ़ाई पर भी असर पड़ा है। शिक्षा मंत्री ने 200 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की, ताकि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को तुरंत ठीक किया जा सके और आपदा प्रबंधन योजना बनाई जा सके। शिक्षा मंत्री ने हिमाचल में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने का भी आग्रह किया।
मिड-डे मील वर्करों की संख्या व मानदेय बढ़ाने की मांग
शिक्षा मंत्री ने हिमाचल के स्कूलों में मिड-डे मील वर्करों की संख्या व इनका मानदेय बढ़ाने का मामला केंद्रीय मंत्री के सामने रखा। मौजूदा समय में वर्करों और छात्रों 1:25 के अनुपात से वर्करों की नियुक्ति की जाती है, शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे दुर्गम पहाड़ी परिस्थितियों को देखते हुए यह अनुपात पर्याप्त नहीं है, इसे 1:15 किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की मिड डे मील योजना के तहत वर्करों को हर माह 1000 रुपए देने का प्रावधान है, जिसको केंद्र व राज्य सरकार को 90:10 अनुपात में वहन करना होता है। शिक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि महंगााई के इस दौर में यह बहुत कम है। यही वजह है कि राज्य सरकार अपनी ओर से इनको 4500 रुपए दे रही है, केंद्र सरकार इसको 90:10 फीसदी अनुपात में वहन करे। शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से हिमाचल सरकार द्वारा चलाई जा रही पोषाहार योजना को मजबूत करने के लिए 5 फीसदी के हिसाब से फ्लैक्सी फंड से सालाना 5.72 करोड़ रुपए के बजट की मांग की है। हिमाचल सरकार इस योजना पर सालाना अपने बजट से 17 करोड़ सालाना खर्च कर रही है। इस योजना के तहत हिमाचल के 5.13 लाख स्कूली बच्चों को उनका पोषण स्तर सुधारने के लिए अंडे और मौसमी फल आहार में दे रही है।
प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-ऊषा) के तहत फंड जारी करने की मांग
शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत हिमाचल के लंबित 59.5 करोड़ रुपए की राशि जारी करने की भी मांग की। हिमाचल को इस योजना के तहत 310 करोड़ रुपए का अनुदान उच्च शिक्षा के सुधार के लिए मिला था, जिसमें से अब तक 250.5 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 249 करोड़ खर्च हो चुके हैं, जबकि शेष 59.5 करोड़ अब भी जारी होने बाकी हैं।
स्कूली बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध करवाने का किया आग्रह
शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से स्कूली बच्चों के लिए यूनिफार्म उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा पहली से 8वीं तक के 89000 छात्रों को यूनिफॉर्म न मिलने के कारण उनकी उपस्थिति और आत्मविश्वास पर असर पड़ रहा है। खासकर सामान्य वर्ग के बच्चों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने हिमाचल में अटल आदर्श विद्यालयों के बुनियादी बुनियादी ढांचे के लिए 62.92 करोड़ का फंड जारी करने की मांग की।
प्रत्येक जिले में एक बोर्डिंग स्कूल की स्थापना
शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए भी केंद्रीय मदद मांगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रत्येक जिले में 500 बच्चों की क्षमता वाले एक बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की योजना बना रहा है। प्रत्येक स्कूल की लागत लगभग 48 करोड़ रुपए से होगी, जिसका कुल खर्च 552 करोड़ रुपए तक पहुंचेगा। इन स्कूलों में आधुनिक बुनियादी ढांचा, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्री ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में सुधार की मांग की और इसके लिए केंद्र सरकार से 90:10 के अनुपात में केंद्र सरकार से धनराशि जारी करने की मांग की।
वर्करों का मानदेय और स्कूली बच्चों को यूनिफाॅर्म देना पॉलिसी मैटर: प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मिड-डे मील वर्करों का मानदेय और स्कूली बच्चों को यूनिफाॅर्म देने के मसले पर कहा कि यह पाॅलिसी मैटर है। उन्होंने कहा कि इन मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल की ओर से रखीं सभी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here