मणिमहेश यात्रा : चौरासी मंदिरों की परिक्रमा के बाद त्रिलोचन महादेव के वंशज डल झील रवाना

punjabkesari.in Sunday, Sep 12, 2021 - 08:48 PM (IST)

भरमौर (उत्तम ठाकुर): बारिश के चलते भगवान शिव शंकर के जयकारों के साथ संचुई गांव के त्रिलोचन महादेव के वंशज व मणिमहेश यात्रा के प्रमुख भागीदार शिव गुर चौरासी मंदिर परिसर की परिक्रमा करने की रस्म निभाने के बाद मणिमहेश के लिए विधिवत रवाना हो गए। शिव गुर रविवार रात धंछो में विश्राम के उपरांत सोमवार शाम 3 बजकर एक मिनट पर डल झील को पार करने की परंपरा का निर्वहन करेंगे। उसके बाद ही राधाष्टमी के पावन पर्व के शाही स्नान की शुरूआत होगी जो मंगलवार दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक जारी रहेगा। उसके बाद कोविड काल की पाबंदियों के अनुसार मनाई जा रही मणिमहेश यात्रा का आधिकारिक समापन हो जाएगा।
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बता दें कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण औपचारिक तौर पर ही यात्रा का आयोजन हुआ है। इसमें मात्र जरूरी रस्मों को ही निभाने की इजाजत प्रशासन द्वारा दी गई थी। इसके साथ प्रशासन ने छड़ियों व शिव गुरों के साथ कुछ लोगों को जाने की अनुमति दी है। इसके चलते प्रशासन ने पुलिस टीम, पानी व बिजली की व्यवस्था और रहने के लिए पर्वतारोहण संस्थान के टैंट के साथ बचाव दलों की नियुक्ति की गई है ताकि विपत्ति के समय लोगों की मदद हो सके। इसके अलावा धंछो व डल झील पर जलाने के लिए लकड़ी की भी व्यवस्था की गई है क्योंकि पिछले 2 दिनों से लगातार हो रही बारिश से ठंड में भी बढ़ गई है।
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रविवार सुबह त्रिलोचन महादेव के वंशजों ने अपने पैतृक गांव संचुई से अपने पौराणिक वाद्य यंत्रों के साथ चौरासी मंदिर परिसर में प्रवेश किया। रास्ते में महिलाएं उनकी पूजा-अर्चना करती हुईं उनका मुहं मीठा करवाने की परंपरा निभाती हैं। शिवजी भगवान के लिबास जिसमें चोला, डोरा व टोप पहने इन शिव गुरों से हर कोई आशीर्वाद लेने के लिए लाइनों में लगा होता है लेकिन कोरोना के कारण लोगों की संख्या में कमी देखने को मिली। शिव गुरों को रवाना करने के लिए भारी भीड़ भरमौर चौरासी मंदिर परिसर में उमड़ी हुई थी।

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Content Writer

Vijay

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