जिला परिषद कर्मी काम पर लौटे, पंचायतों व मनरेगा के काम पकड़ेंगे रफ्तार

punjabkesari.in Monday, Oct 23, 2023 - 10:30 PM (IST)

शिमला/सोलन (संतोष/ब्यूरो): राज्य की 3615 पंचायतों के काम और मनरेगा के कार्य रफ्तार पकड़ेंगे। 22 दिनों से हड़ताल पर चल रहे राज्य के 4700 जिला परिषद कर्मचारियों ने सोमवार को अपना कामकाज संभाल लिया है। हालांकि शिमला में स्थानीय अवकाश रहा है, लेकिन अन्य जगहों पर जिला परिषद कर्मचारी अपने काम पर लौट आए हैं। पंचायतों में जन्म प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्ट्रर की नकल आदि अन्य दस्तावेजों को देने के लिए विभाग ने प्रबंध कर दिया था लेकिन तकनीकी असैसमैंट कार्य टैक्नीकल स्टाफ जे.ई. के न होने से नहीं हो पा रहे थे, इसीलिए सरकार की ओर से राज्य के 167 जे.ई. की सेवाएं बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए थे। वहीं जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की भी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ बैठक हुई, जिसमें मर्जर व छठे वेतन आयोग को लेकर आश्वासन दिया गया है। अब 30 अक्तूबर को मंत्री ने विभाग व जिला परिषद कर्मचारियों की बैठक बुलाई है। ए.डी.सी. सोलन अजय यादव ने बताया कि जिला परिषद कैडर के सभी कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। इससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को गति तो मिलेगी साथ ही आम जनता को हड़ताल की वजह से जो परेशानियां हो रही थीं वे भी दूर होंगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में डंगों के प्राकलन के काम शुरू
मनरेगा और प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में डंगों के प्राकलन बनने फिर से आरंभ हो गए हंै। राज्य मुख्यालय शिमला में स्थानीय अवकाश होने के कारण सभी तरह के लंबित पड़े कार्यों पर बुधवार को काम शुरू होगा।

पंचायती राज मंत्री ने किया आश्वस्त : राजेश
जिला परिषद कैडर महासंघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आश्वासन नहीं बल्कि आश्वस्त किया है कि उनकी विभाग के मर्जर की मांग को पूरा किया जाएगा। 30 अक्तूबर को मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।

90 से 95 फीसदी है ग्रामीण क्षेत्र, पंचायतों के तहत होता है अधिकांश काम : अनिरुद्ध
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल में 90 से 95 प्रतिशत क्षेत्र ग्रामीण है और यहां पर अधिकांश कार्य पंचायतों के तहत होता है। जिला परिषद कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आपदा की इस घड़ी में कार्यों में व्यवधान हो रहा था, जिसके चलते सरकार को भी सख्ती दिखानी पड़ी। उन्होंने कहा कि 1085 करोड़ रुपए मनरेगा के तहत आपदा राहत के लिए मंजूर हुए हैं, लेकिन इसका कार्यान्यवन जिला परिषद कर्मचारियों व खासतौर पर जे.ई. द्वारा ही होना है। हड़ताल से लौटे कर्मचारियों से बैठक भी रखी गई है। 


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Kuldeep

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