1,500 रुपए पाने के लिए झूठी जानकारी देना पड़ सकता है महंगा, हो सकती है कार्रवाई

punjabkesari.in Sunday, Jul 07, 2024 - 10:03 PM (IST)

शिमला (प्रीति): 1,500 रुपए सम्मान राशि पाने के लिए झूठी जानकारी देना महिलाओं को महंगा भी पड़ सकता है। योजना को लेकर जारी गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है। ऐसे में यदि कोई महिला इस सम्मान राशि को पाने के लिए फर्जी दस्तावेज देती है तो उसके खिलाफ तय नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्राइवेट नौकरी करने वाली महिलाएं भी इसमें पात्र नहीं हैं। आवेदन फॉर्म के साथ जारी सैल्फ डैक्लारेशन में महिला को इस बारे स्पष्ट करना होगा कि वह किसी भी सरकारी या प्राइवेट सैक्टर में काम नहीं कर रही है और उसकी कोई रैगुलर इनकम नहीं है। केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी, पैंशनर्ज, अनुबंध, आऊटसोर्स कर्मी, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालिक वर्ग के कर्मचारी, सेवारत या भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पैंशन लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी श्रेणी के परिवार की महिलाओं को योजना से बाहर रखा गया है। ऐसे में ये महिलाएं इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगी।

1,500 रुपए के फॉर्म की वैरीफिकेशन के लिए जिलाधीश बनाएंगे जांच कमेटी, मामले पर विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव
इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत आए आवेदनों की जांच के लिए अब जिलाधीश जांच कमेटी बनाएंगे। इसमें पटवारी व पंचायत सचिव के अलावा नगर निकायों के कर्मचारी, प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी को शामिल किया जा सकता है। इस वैरीफिकेशन के लिए अन्य संबंधित विभागों के कर्मचारियों का भी सहयोग लिया जा सकता है। इसको लेकर संबंधित विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस मामले पर सोमवार यानी 8 जुलाई को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव ने संबंधित विभाग की बैठक बुलाई है। बैठक में इस प्रस्ताव के अलावा फील्ड में तैनात स्टाफ की भी अपडेट ली जाएगी। इस दौरान विभाग की ओर से कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

सम्मान राशि के लिए आवेदन जमा करवाने के लिए अभी भी कार्यालयों के बाहर लग रहीं लाइनें, विभाग को मिले 6 लाख से ज्यादा आवेदन
1,500 रुपए की सम्मान राशि के लिए विभाग को अब तक 6 लाख से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। विभाग के तहसील कार्यालयों में ये आवेदन जमा करवाने के लिए अभी भी लाइनें लगी हुई हैं। कार्यालयों में स्टाफ न होने से दिक्कतें आ रहीं हैं। हालांकि विभाग ने इन कार्यालयों में आऊटसोर्स पर कर्मचारियों को रखने का मन बनाया है, लेकिन इसमें अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।


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Kuldeep

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