Shimla: सेवानिवृत्ति आयु 59 वर्ष व अग्रिम पैंशन नहीं देने पर CM सुक्खू लेंगे अंतिम निर्णय
punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 06:53 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शीघ्र अंतिम निर्णय लेंगे। उपसमिति की तरफ से सरकारी खर्चों में कटौती करने के लिए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 59 वर्ष करने के अलावा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर अग्रिम पैंशन नहीं देने और पंजाब की तर्ज पर 25 वर्ष बाद ही पूरी पैंशन देने के 3 विकल्पों को सुझाया गया है। पहला विकल्प सेवानिवृत्ति आयु को 1 वर्ष बढ़ाने का है, जिससे सरकार को थोड़ी राहत मिलेगी। यानी सरकार को 1 वर्ष तक सेवानिवृत्ति से होने वाली रिक्तियों को भरने का विकल्प मिल जाएगा। इससे सरकार पर वित्तीय बोझ भी कम पड़ेगा। दूसरा विकल्प कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर पैंशन कम्युटेशन का विकल्प है।
इस विकल्प के अनुसार कर्मचारी अपनी पैंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि में प्राप्त नहीं कर सकेंगे। ऐसा निर्णय लेने से सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अब तक कर्मचारियों के पास अपनी पैंशन में से कुछ राशि को तुरंत प्राप्त करने का विकल्प रहता था। यदि सरकार इसको बंद करती है तो फिर कर्मचारियों को अग्रिम पैंशन नहीं मिल पाएगी। तीसरा विकल्प पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को 25 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद पूर्ण पैंशन का लाभ देने की बात कही गई है। वर्तमान में राज्य सरकार 20 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद पूरी पैंशन दे रही है। इससे भी सरकार के वित्तीय बोझ को कम किया जा सकेगा।
ओपीएस बहाली के साथ 14 फीसदी डीए दिया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में ओपीएस बहाली का निर्णय किया। इसके अलावा अब तक सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की 14 फीसदी किस्त भी दी है, जबकि हिमाचल दिवस के अवसर पर डीए की 3 फीसदी अतिरिक्त किस्त देने की बात कही है। राज्य सरकार की तरफ से 3 फीसदी डीए की अदायगी के बाद भी केंद्र सरकार 10 फीसदी अधिक डीए दे चुकी है।