Shimla: सेवानिवृत्त नायब तहसीलदारों की पुनर्नियुक्ति का विरोध शुरू
punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2025 - 06:38 PM (IST)
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार की सेवानिवृत्त अधिकारियों विशेषकर नायब तहसीलदारों की पुनर्नियुक्ति का विरोध शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी व कानूनगो महासंघ ने सेवानिवृत्त और थके हुए नायब तहसीलदारों की पुनर्नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि सेवानिवृत्त अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रही तो वह सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
पटवारी व कानूनगो लंबे समय से कानूनगो की नायब तहसीलदारों के पदों पर पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। लेकिन गत एक वर्ष से नायब तहसीलदारों के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल रखा है। नायब तहसीलदारों के पदों पर पदोन्नति नहीं होने से राज्य के सबसे बड़े जिलों कांगड़ा, शिमला व मंडी में हालत बहुत ही खराब हो गए हैं। वर्तमान में राज्य में नायब तहसीलदारों के करीब 45 पद खाली पड़े हैं।
महासंघ का आरोप है कि सरकार कानूनगो को नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नत नहीं कर रही है, जबकि कई कानूनगो पदोन्नति की सभी शर्तों को पूरा करते हैं तथा रिटायर होने के करीब हैं। यदि समय पर सरकार ने इनकी पदोन्नति नहीं की तो यह बिना इसका लाभ लिए सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके विपरीत सरकार सेवानिवृत्त नायब तहसीलदारों को फिर से रोजगार देने में लगी है, जो राज्य के हजारों कानूनगो व पटवारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। इसके अलावा इससे पटवारियों व कानूनगो के कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ रहा है। महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस अनुचित प्रक्रिया को नहीं रोका तथा कानूनगो को समय पर पदोन्नति नहीं दी तो वह प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पटवारियों व कानूनगो में है रोष
नायब तहसीलदारों की पुनर्नियुक्ति से प्रदेश के पटवारियों व कानूनगो में रोष है। क्योंकि इस कारण कानूनगो की पदोन्नति नहीं हो रही है। ऐसे में पटवारी भी कानूनगो के पद पर पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं।
कर्मचारियों के हितों में सकारात्मक कदम उठाए सरकार : सतीश
हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने सरकार से इस विषय पर गंभीरता से विचार करने और तत्काल सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया, ताकि कर्मचारियों में व्याप्त असंतोष समाप्त हो और प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलते रहें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने सेवानिवृत्त नायब तहसीलदारों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।