Himachal: दिसम्बर, 2027 तक बिलासपुर पहुंचेगी रेल, अप्रैल, 2026 तक चंडीगढ़-बद्दी का कार्य होगा पूरा : अग्निहोत्री
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 10:33 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि दिसम्बर, 2027 तक बिलासपुर में रेल पहुंच जाएगी। इसके अलावा अप्रैल, 2026 तक चंडीगढ़-बद्दी का कार्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि रेल लाइनों का निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा करना सरकार का लक्ष्य है और इस बारे रेल मंत्रालय के साथ समन्वय बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेल परियोजनाओं के निर्माण में प्रदेश सरकार पूर्ण सहयोग कर रही है तथा इस बारे विपक्ष की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों को उन्होंने नकारा। मुकेश अग्निहोत्री ने यहां जारी बयान में कहा कि विपक्ष की तरफ से यह आरोप लगाना कि प्रदेश सरकार सहयोग नहीं कर रही, पूरी तरह तथ्यहीन और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन, चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन और नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन परियोजनाएं समयबद्ध पूर्ण हों।
उन्होंने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अब तक राज्य के हिस्से के रूप में 847 करोड़ रुपए का योगदान दिया है तथा 31 दिसम्बर, 2027 तक बिलासपुर तक इस कार्य के पूर्ण होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में देरी हुई है, इसलिए रेल विकास निगम लिमिटेड की तरफ से सूचित परियोजना लागत 6.45 गुना बढ़कर 6753.42 करोड़ रुपए हो गई है। अब राज्य का हिस्सा बढ़कर 2583.01 करोड़ रुपए हो गया है, जिसमें भूमि अधिग्रहण लागत 1210.42 करोड़ रुपए शामिल है। इस प्रकार राज्य सरकार को कुल परियोजना लागत का 38.84 फीसदी हिस्सा व्यय करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन परियोजना का कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना को भारत सरकार की तरफ से विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया है। 1540.113 करोड़ रुपए की लागत की इस परियोजना की लम्बाई 30.28 किलोमीटर है। इसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 363.50 करोड़ रुपए बनती है, जिसमें से 223.75 करोड़ रुपए उत्तरी रेलवे को दे दिए गए हैं। इस रेल लाइन का कार्य 30 अप्रैल, 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन का अधिकांश हिस्सा पूरा हो चुका है और इसे नंगल से दौलतपुर चौक तक यातायात के लिए खोला जा चुका है।
इस परियोजना की पूरी लागत केंद्र सरकार वहन कर रही है, जिसमें प्रदेश सरकार ने भी सहयोगी की भूमिका निभाई है। इस परियोजना की लम्बाई 122.57 किलोमीटर है, जिसमें से 60.03 किलोमीटर भूमि हिमाचल प्रदेश में और 62.24 किलोमीटर भूमि पंजाब में स्थित है। इस परियोजना का 59.325 किलोमीटर कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इन परियोजनाओं की समय-समय पर समीक्षा करते हैं और रेल मंत्रालय के साथ समन्वय बनाए रखते हैं।