Himachal: मंत्री पर मामला दर्ज करने के बाद NHAI के अधिकारियों पर दर्ज करवाया स्थानीय लोगों ने मामला
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 06:13 PM (IST)

शिमला (संतोष): ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया है और स्थानीय लोगों ने भी एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। अब यह क्रॉस केस दर्ज हो चुका है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर एनएचएआई के अधिकारी अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश के खिलाफ भी 2 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। शिकायतकर्त्ताओं ने इन दोनों अधिकारियों पर दुर्व्यवहार, रास्ता रोकने और गाली-गलौच का आरोप लगाया है। शिमला की ढली थाना पुलिस ने स्थानीय निवासियों की शिकायतों के आधार पर ये मामले दर्ज किए हैं।
पहले मामले के अनुसार भट्टाकुफर के 8 निवासियों अनिल कुमार, हेत राम ठाकुर, सुरेंद्र चौहान, केआर मेहता, अनिल वर्मा, सोहन ठाकुर, राजेश ठाकुर और अशोक राजटा ने एक संयुक्त शिकायत में आरोप लगाया है कि 30 जून को अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश ने उनका रास्ता रोका और अपशब्द कहे। शिकायतकर्त्ताओं का कहना है कि एनएचएआई के गैर-जिम्मेदाराना कार्यों के कारण उनका घर खतरे में आ गया है और कालोनी में एक मकान गिर चुका है।
इसी तरह दूसरे मामले में निहाल ठाकुर नामक व्यक्ति ने बताया कि अचल जिंदल और योगेश ने रास्ता रोकने के साथ-साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। अन्य शिकायतकर्त्ताओं बृज लाल, निशांत, चंदा देवी, रीना रपटा, चेतन चौहान, प्रदीप, अशोक राजटा और संजीव ने आरोप लगाया है कि एनएचएआई द्वारा फोरलेन निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही के कारण रंजना वर्मा समेत कई अन्य लोगों के मकानों को नुक्सान पहुंचा है। शिकायत में कहा गया है कि बार-बार आग्रह के बावजूद कटाव का कार्य नहीं रोका गया, जिससे उन्हें अपने घर खाली करने पड़े और रहने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।
ढली पुलिस थाना में दर्ज मामलों की जांच शुरू
बता दें कि एनएचएआई शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत पर ढली पुलिस थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को भट्टाकुफर की माठू कालोनी में पांच मंजिला इमारत के जमींदोज होने के बाद पंचायती राज मंत्री प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचे थे। आरोप है कि मंत्री समेत कुछ लोगों ने एनएचएआई के अफसरों से कमरे में ले जाकर मारपीट की। लहूलुहान अधिकारी मौके से जान बचाकर भागे और खुद अपनी गाड़ी से उपचार करवाने आईजीएमसी पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मारपीट करने का आरोप है, जिसे मंत्री ने सिरे से नकार दिया है। वहीं स्थानीय लोगों द्वारा भी मामले दर्ज करवा दिए गए हैं, जिससे यह क्रॉस मामला हो गया है और पेचीदा भी। पुलिस इसके हर पहलू की गंभीरता से जांच में जुट गई है।