Shimla: मणिमहेश श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचाने के लिए सरकार ने किए पर्याप्त सुधारात्मक उपाय : हाईकोर्ट
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 09:13 PM (IST)
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने मणिमहेश यात्रा के दौरान आई आपदा के बाद बचाव कार्य में लगी राज्य सरकार सहित इंडियन एयर फोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस बल की सराहना की है। कोर्ट ने कहा कि इन सभी ने बचाव कार्य में सक्रिय रूप से काम किया और बचाव कार्य में तैनात किए गए व्यक्तियों ने लोगों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली है, जिसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने जनहित याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचाने के लिए पर्याप्त सुधारात्मक उपाय किए। यात्रा के दौरान भारी बारिश के कारण मणिमहेश में हजारों श्रद्धालु फंस गए थे।
कोर्ट ने कहा कि मौसम की स्थिति में अचानक बदलाव और भूस्खलन, ऊंचाई के कारण हाइपोथर्मिया आदि के अलावा पत्थर गिरने आदि के कारण होने वाली मौतों को ध्यान में रखते हुए, हमारा यह सुविचारित मत है कि याचिका में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की नियुक्ति की प्रार्थना, इस तथ्य को देखते हुए कि राज्य सरकार ने सुधारात्मक उपाय किए हैं, मान्य नहीं होगी। कोर्ट को यह बताया गया था कि मणिमहेश यात्रा 25 अगस्त को निलंबित कर दी गई थी और खराब मौसम की स्थिति के कारण विभिन्न नालों पर लगाए गए 4 स्टील के पुल बह गए थे, जिससे यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को निकालने में काफी चुनौतियां आईं और लगभग 9500 यात्रियों को यात्रा मार्ग से सुरक्षित रूप से निकाला गया और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पर्वतारोहण और पुलिस कर्मियों की तैनाती सहित विभिन्न कदम उठाए गए।
मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था की गई थी और 16000 यात्रियों को निकाला गया। राष्ट्रीय राजमार्ग 154ए को 8 सितम्बर को भरमौर तक हल्के मोटर वाहनों के लिए और 10 सितम्बर को भारी मोटर वाहनों के लिए खोल दिया गया। हवाई परिवहन की भी प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्था की गई। यात्रा के दौरान दो निजी हैलीकॉप्टरों की सेवाएं ली गईं और बड़ी संख्या में लोगों को निकाला गया और मृत व्यक्तियों के पार्थिव शरीर को भी परिवहन किया गया। प्रार्थी सत प्रकाश व अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी जिसमें सरकार को चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा के दौरान भारी बाढ़ और भूस्खलन के कारण फंसे लगभग 5000 तीर्थयात्रियों को तत्काल बचाव, राहत और सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

