लैपटॉप खरीद मामले में फिर फंसा पेंच, अब लैंड बॉर्डर ला के कारण लटका मामला

punjabkesari.in Monday, Nov 22, 2021 - 06:22 PM (IST)

शिमला (प्रीति मुकुल): प्रदेश के सरकारी स्कूलों के मेधावियों के  लिए लैपटॉप खरीद मामले में अब एक नया पेंच फंस गया है। ऐेसे में अभी मेधावियों क ो लैपटॉप के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि यह मामला लैंड बॉर्डर ला के कारण लटका है। हालांकि लैपटॉप की खरीद के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया था। यह कं पनी चीन की है और देश में ही अपने प्रोडक्ट तैयार कर रही है, लेकिन यह हिमाचल में रजिस्टर्ड नहीं है। ऐसे में इसमें लैंड बॉर्डर ला के नियम आड़े आ रहे हैं। इसको देखते हुए विभाग ने अब यह मामला कैबिनेट को भेजने का फैसला लिया है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश इलैक्ट्रॉनिक कार्पाेरेशन इस बार लैपटॉप खरीद कर रहा है।

बीते दिनों कार्पोरेशन ने लैपटॉप के लिए टैंडर कर दिए थे। इस प्रक्रिया में चार कंपनियों ने भाग लिया, जिसमें दो कंपनियां सरकार द्वारा तय नियम और शर्तें पूर्ण नहीं कर पाईं। ऐसे में दोनों कंपनियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। शेष दो कंपनियां नियम और शर्तें तो पूरा करती थीं लेकिन लैंड बॉर्डर ला के कारण यह मामला अड़ गया है। बीते चार वर्षों से पात्र विद्यार्थी लैपटॉप का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में अभी शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के 10वीं, 12वीं और स्नातक स्तर के 19000 विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए जाने हैं।

कई बार रद्द हुए टैंडर, कोरोना काल में नहीं हो पाई प्रक्रिया पूरी
पूर्व में कई बार लैपटॉप खरीद को लेकर विभाग की ओर से टैंडर किए गए हैं, लेकिन कई बार एक ही कंपनी के प्रक्रिया में भाग लेने के कारण टैंडर रद्द करने पड़े। इसके बाद कोरोना महामारी के दौरान भी यह प्रक्रिया रुक ी रही। इस साल विभाग ने हिमाचल प्रदेश इलैक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन को यह जिम्मा सौंपा है और इसके लिए 50 करोड़ से ज्यादा की राशि भी कार्पोरेशन के पास जमा करवा दी गई है, लेकिन अब फिर यह मामला लटक गया है।

345 लिपिकों को कनिष्ठ सहायक के पदों पर प्लेसमैंट की तैयारी
उच्च शिक्षा विभाग में 345 लिपिकों को कनिष्ठ सहायक के पदों पर प्लेसमैंट देने की तैयारी शुरू हो गई है। उक्त लिपिकों का पांच साल का नियमित कार्यकाल पूरा हो गया है। ऐसे में इन्हें कनिष्ठ सहायक के पद पर प्लेसमैंट दी जा रही है। विभाग ने इनकी सूची जारी कर दी है और संबंधित जिला उपनिदेशकों को उक्त कर्मचारियों के दस्तावेज वैरीफाई कर निदेशालय भेजने को कहा है, ताकि मामले में आगे की कार्रवाई अमल में लाई जा सके।


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Content Writer

Kuldeep

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