Shimla: उच्च न्यायालय के आदेशों पर सीबीआई ने दर्ज की 2 एफआईआर
punjabkesari.in Sunday, Jan 05, 2025 - 10:38 PM (IST)
शिमला (राक्टा): केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के शिमला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शाखा ने 2 अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। इनमें एक केस जिला मंडी के तहत सामने आए चिट्टा तस्करी के झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली के आरोपों से जुडे़ मामले में दर्ज किया गया है और दूसरा केस कुल्लू जिले के तोश में हुई 21 वर्षीय वैभव यादव की मौत से जुडे़ मामले में दर्ज किया गया है।
प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई अमल में लाई है। इसके तहत पूरा रिकार्ड खंगालने के बाद जांच टीम जल्द ही दोनों मामलों में पूछताछ की प्रकिया अमल में लाएगी। गौरतलब है कि चिट्टा तस्करी के झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली के आरोपों में शिकायत के आधार पर 10 जून, 2024 को जिला मंडी के बल्ह थाने में एक केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्त्ता का आरोप है कि उसे 31 मार्च, 2024 की शाम को एक कॉल आई, जिसमें कहा गया कि आपके बेटे की गाड़ी से चिट्टा पकड़ा गया। ऐसे में यदि उसे बचाना है तो एक पेटी का प्रबंध करो नहीं तो पर्चा बनाकर पुलिस को दे रहे हैं और फोन काट दिया।
शिकायतकर्त्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके बाद उसने उसी नंबर पर कॉल की तो फिर वहीं बात दोहराई की एक पेटी यानी 1 लाख का प्रबंध करो और अकेले नेरचौक आने को कहा। शिकायत में उल्लेख है कि इसके बाद एक अन्य नंबर से क्रमश: 3 से 4 बार वॉयस कॉल आईं और उसमें भी यही कहा गया। ऐसे में मामला उच्च न्यायालय पहुंचा तो प्रार्थी द्वारा दी गई शिकायत की जांच को हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच सौंपने के आदेश दिए, साथ ही डीजीपी के माध्यम से 3 दिनों के भीतर सीबीआई को संबंधित मामले का तमाम रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने का निर्देश दिए गए। इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी भी जांच दायरे में है।
वैभव यादव मौत केस
बीते 9 दिसम्बर 2023 को हरियाणा के 4 युवा कुल्लू के तोश में घूमने आए थे और सूरज गैस्ट हाऊस में रुके। इस बीच 21 वर्षीय वैभव यादव की मौत हो गई। इसके बाद वैभव के पिता ने डीजीपी और संबंधित पुलिस थाना कुल्लू को लिखित शिकायत देकर पुलिस की जांच-पड़ताल पर सवाल उठाए। 6 मार्च, 2024 को एसपी कुल्लू ने इस शिकायत पर एएसपी रैंक के अधिकारी को तथ्यों की जांच करने के लिए कहा। हालांकि मृतक के पिता ने पुलिस की इस कार्रवाई पर संतुष्टि जाहिर नहीं की और 10 जुलाई को हिमाचल हाईकोर्ट को एक पत्र लिखा, जिसके आधार पर आपराधिक रिट याचिका दायर की गई तथा सीबीआई को मामले की जांच सौंपने के आदेश दिए।