Shimla: सरकार ने 2 वर्ष में लिया 30,080 करोड़ का कर्ज : धर्माणी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 05:35 PM (IST)

शिमला (प्रीति): हिमाचल के आर्थिक हालातों को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष और सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो गई है। सुक्खू सरकार द्वारा दो वर्ष में लिए गए कर्जे को लेकर भाजपा लगातार हमला कर रही है। हिमाचल में कर्ज का बोझ बढ़कर एक लाख करोड़ के पार हो गया है। भाजपा के हमलों का जवाब देते हुए शिमला में सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने विपक्ष पर कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के आरोप लगाते हुए सकारात्मक भूमिका निभाने की नसीहत दी है। राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा हिमाचल सरकार की वित्तीय स्थिति को लेकर लगातार दुष्प्रचार कर रही है जबकि भाजपा सरकार 75 हजार करोड़ कर्ज छोड़कर गई थी।

इसके अलावा लगभग 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारियां थीं। कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। सरकार ने दिसम्बर 2022 से 24 तक दो वर्ष में 30 हजार 80 करोड़ रुपए कर्ज लिया जिसमें से 9337 करोड़ भाजपा की देनदारियां थीं जबकि सरकार ने 18,854 करोड़ कर्ज का मूल और ब्याज दो वर्षों में वापस किया है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी को 60 करोड़ की ग्रांट और इस वर्ष बिजली बोर्ड को 2200 करोड़ दिए जा रहे हैं।

एक वर्ष में 2631 करोड़ का राजस्व अर्जित
राजेश धर्माणी ने कहा कि सुक्खू सरकार ने एक वर्ष में 2631 करोड़ का राजस्व अर्जित किया और वित्तीय अनुशासन लाकर स्थिति को ठीक किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने अपने अंतिम वर्ष में जो मुफ्त की बिजली और पानी की रेवड़ियां बांटीं, उससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ी है। ऐसे विपक्ष को हिमाचल को बदनाम करने का काम छोड़कर केंद्र सरकार से हिमाचल के हक दिलाने की पैरवी करनी चाहिए। धर्माणी ने कहा कि एनपीएस के 9 हजार करोड़ रुपए अभी भी केंद्र के पास हैं। हालांकि एनपीसी की वजह से कर्ज की सीमा में 1600 करोड़ की कटौती की गई है।

 


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Kuldeep

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