Shimla: डिपो संचालक हर महीने अपनी जेब से पैसे खर्च कर चला रहे पोस मशीनें
punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2025 - 06:51 PM (IST)
शिमला (राजेश): सस्ते डिपुओं की सस्ते राशन वितरण प्रणाली में प्रदेश के डिपो संचालक हर माह अपनी जेब से 470 रुपए खर्च कर पाेस मशीनें चलाकर उपभोक्ताओं में राशन वितरित कर रहे हैं। विभाग की ओर से अंगूठा लगाकर राशन वितरित करने के लिए लगाई पाेस मशीनें की सिमें कई वर्षों से बंद पड़ी हैं। डिपो संचालक अपने खर्च पर इंटरनैट कनैक्शन लेकर यह मशीनें चला रहे हैं लेकिन अब यह खर्चा करने से डिपो संचालकों ने मना कर दिया है। प्रदेश के डिपो संचालकों का कहना है कि पोस मशीनों की सिमें बंद पड़ी हैं।
मशीनों को चलाने के लिए वाईफाई कनैक्शन ले रखे हैं जिन पर प्रति माह प्रत्येक डिपो धारक को 470 रुपए देकर इंटरनैट व वाईफाई सुविधा ले रहे हैं, जबकि एमओयू के मुताबिक यह सारा खर्च कंपनी ने करना था। प्रदेश डिपो संचालक समिति का कहना है कि यह मामला भी कई बार विभाग व सरकार के समक्ष उठाया गया, लेकिन सरकार और विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। समिति अध्यक्ष अशोक कवि ने सरकार और विभाग से पुन: मांग की है कंपनी को इस बारे कड़े आदेश जारी किए जाएं अन्यथा कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
समिति पदाधिकारियों ने अगले वित्त वर्ष के बजट में पीडीएस डिपो धारकों को 20 हजार मासिक वेतन देने की मांग प्रदेश मुख्यमंत्री से की है। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आम विधानसभा चुनावों से पूर्व डिपो धारकों की दयनीय आर्थिक स्थिति का आकलन करने के उपरांत अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर प्रदेश में डिपो धारकों को 20 हजार रुपए मासिक वेतन देने की व्यवस्था करने का वायदा किया था लेकिन यह वायदा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। समिति अध्यक्ष अशोक कवि ने कहा कि डिपो धारकों के साथ किए गए वायदे को शीघ्र पूरा करे अन्यथा डिपो संचालकों द्वारा 14 अप्रैल को मनाए जाने वाले स्थापना दिवस पर प्रदेश भर के डिपो संचालक सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लेने पर मजबूर होंगे।
सरकार ने डिपो के लाइसैंस की नवीनीकरण की फीस में भी बढ़ौतरी की है। पहले यह फीस सालाना 200 रुपए थी, लेकिन अब इस फीस को बढ़ाकर 700 कर दिया है। समिति ने सरकार से वन टाइम लाइसैंस की व्यवस्था करने की भी मांग की है।