Kangra: OBC की 20 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो होगा चुनावों का बहिष्कार : सौरभ

punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 06:39 PM (IST)

शाहपुर (ब्यूरो): रविवार को शाहपुर के छिंज मेला ग्राऊंड, रजोल में ओबीसी संघर्ष समिति का प्रदेश स्तरीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन में प्रदेशभर से ओबीसी समाज के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्यातिथि ओबीसी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष सौरभ कौंडल रहे। अधिवेशन में 15 से अधिक वक्ताओं ने भाग लेकर सरकार और विपक्ष पर ओबीसी समाज की अनदेखी को लेकर तीखे सवाल उठाए। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां वर्षों से ओबीसी समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती आ रही हैं, लेकिन अधिकारों की बात आते ही दोनों की चुप्पी चिंताजनक है।

कार्यक्रम में समिति के प्रदेश महासचिव ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में केवल 25 हजार ओबीसी कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार यह संख्या 72 हजार होनी चाहिए। यह सरकारी तंत्र की उपेक्षा को दर्शाता है। प्रदेशाध्यक्ष सौरभ कौंडल ने कहा कि ओबीसी समाज अब अपने अधिकारों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार और विपक्ष ने ओबीसी की 20 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो आने वाले चुनावों में ओबीसी समाज दोनों दलों का बहिष्कार करेगा। कौंडल ने कहा कि संघर्ष को और तेज किया जाएगा और मंत्री-विधायकों से जवाब मांगा जाएगा।

उन्होंने कहा कि समिति की प्रमुख मांगें है कि 93वें संविधान संशोधन 2005 के अनुसार सभी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए। राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी छात्रों के लिए छात्रावास बनाए जाएं। राइट टू एजुकेशन एक्ट को पूर्ण रूप से लागू किया जाए। मंडल आयोग व सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सरकारी सेवाओं में 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। वहीं एनएफएस के नाम पर आरक्षण नकारने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही ओबीसी जनगणना शीघ्र करवाई जाए तथा विधानसभा व लोकसभा में ओबीसी के लिए सीटें आरक्षित की जाएं। वहीं अधिवेशन के अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ओबीसी संघर्ष समिति अब गांव-गांव जाकर जनजागरण अभियान चलाएगी और अधिकारों की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रखेगी।


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Content Writer

Kuldeep