2 युवकों के डूबने की आशंका पर सीर खड्ड में चलाया सर्च ऑप्रेशन, नहीं मिली सफलता

punjabkesari.in Wednesday, Aug 17, 2022 - 09:25 PM (IST)

बिलासपुर/बरठीं (मुकेश/देसराज): तहसील झंडूता के अंतर्गत गत मंगलवार करीब 1.30 से 2 बजे के करीब तुंगड़ी व सुन्हानी के पास सीर खड्ड में 2 युवकों निशांत व अमन के खड्ड में बह जाने की आशंका के बाद बुधवार को भी उन्हें ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इन दोनों युवकों की आयु 18 व 16 वर्ष बताई जा रही है। खड्ड के बाहर उनके क्रेटवॉल की तारों के साथ टंगे कपड़े और कपड़ों में लपेटे गए मोबाइल फोन किसी भी अनहोनी दुर्घटना के पुख्ता प्रमाण के लिए पर्याप्त हैं।

तुंगड़ी गांव के निशांत के एचआरटीसी से सेवानिवृत्त ताया रमेश चंद्र ने बताया कि मंगलवार देर रात एक बजे तक स्थानीय विधायक जीतराम कटवाल, एसडीएम झंडूता क्षेत्र भर के लोगों के साथ खड्ड में डेरा डाले रहे तथा बच्चों को ढूंढते रहे लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं चल पाया। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन बुधवार सुबह से ही राहत व बचाव कार्य शुरू हो गया, जिसके चलते पोकलेन की मदद से पानी को दूसरे रास्ते से भी निकाला गया तथा आशंका वाली जगह से जलस्तर को घटाया गया लेकिन फिर भी सफलता हाथ नहीं लगी। नंगल से रैस्क्यू टीम को भी बुलाया गया था लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते सफलता नहीं मिली जबकि जिला की क्यूआरटी गत मंगलवार से ही मौके पर मौजूद थी।

जोलप्लाखी गांव का 16 वर्षीय अमन तुंगड़ी गांव में अपने ननिहाल में रहता है। उसके पिता कश्मीर सिंह का देहांत हो चुका है। वह सुन्हानी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ता है। एक वर्ष पहले उसके नाना भी स्वर्ग सिधार गए हैं जबकि 18 वर्षीय निशांत पुत्र प्यारे लाल तुंगड़ी गांव का ही रहने वाला है तथा बरठीं में आईटीआई कर रहा है। निशांत गरीब परिवार से संबंध रखता है और उसके पिता मिस्त्री का काम करते हैं जबकि माता गृहिणी है। निशांत 3 बहनों का इकलौता भाई है।

बताया जा रहा है कि जब घर के सब लोग अपने-अपने कार्य में व्यस्त थे तो ये दोनों अकेले ही खड्ड में नहाने के लिए चले गए क्योंकि उनके कपड़े पानी के किनारे मिले हैं। बुधवार शाम 4 बजे तक राहत व बचाव कार्य जारी रहा लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी तो पोकलेन को रोक दिया गया तथा रैस्क्यू टीम भी वाइंडअप कर गई। अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर बच्चे डूबने वाली जगह पर नहीं मिल पाए हैं तो फिर हो सकता है कि वे पानी के बहाव के साथ ही बह गए हों या फिर पानी के अंदर किसी पत्थर या मिट्टी में फंसे हों।

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Content Writer

Vijay

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