राम गोपाल मंदिर डमटाल की गऊशाला फिर सुर्खियों में, कर्मचारियों ने कम वेतन देने के लगाए आरोप

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2020 - 04:12 PM (IST)

नूरपुर (संजीव महाजन): जिला कांगड़ा की इंदौरा विधानसभा के अंतर्गत आती राम गोपाल मंदिर डमटाल की गऊशाला एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। गऊशाला में कार्यरत कर्मचारियों ने मंदिर प्रशासन पर कम वेतन देने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने बताया कि पहले उन्हें 7500 रुपए वेतन मिला था लेकिन अब उन्हें 225 रुपए दिहाड़ी के हिसाब से महीने का 6750 रुपए वेतन दिया जा रहा है जोकि उनके साथ अन्याय है। कर्मचारियों ने अनुसार मन्दिर प्रशासन ने 3 साल पहले उन्हें काम पर रखा था और उसी के द्वारा वेतन दिया जाता रहा था लेकिन अब उन्हें ठेकेदार के अधीन कर दिया है जोकि कम वेतन में काम करने को कहता है और न करने पर काम से निकालने की बात करता है। उन्होंने बताया कि गऊशाला में 8 कर्मचारी काम करतें हैं जिनमें एक डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं सुना गया तो वे 5 दिन बाद हड़ताल कर देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी एसडीएम इंदौरा की होगी।
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मन्दिर की भूमि में खनन करवाता है ठेकेदार

कर्मचाारियों ने मंदिर प्रशासन पर आरोप लगाया है कि इतना राजस्व होने के बाद भी आज दिन तक मंदिर के ऊपर छत नहीं डाली गई है। वहीं कर्मचारियों ने ठेकेदार पर आरोप लगाए हैं कि उक्त ठेकेदार द्वारा मन्दिर की भूमि पर अवैध तरीके से खनन करवाया जा रहा है।
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कम चारे से मर रही गऊएं

उक्त कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि जो गऊएं पिछले दिनों मर गईं थीं उनका मुख्य कारण भूख से मरना था क्योंकि यहां पर पर्याप्त चारा पशुओं को नहीं खिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि गऊशाला में 350 के करीब पशु हैं जिन्हें पर्याप्त मात्रा में चारा न खिलाकर इन बेजुबान पशुओं से अत्याचार किया जा रहा है।
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खनन की बात बिल्कुल झूठी : ठेकेदार

जब इस बारे में ठेकेदार पुष्पिंदर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह गऊशाला उन्होंने अभी हाल ही में ठेके पर ली है। कर्मचारी जो वेतन की बात कर रहें हैं जो सरकार तय करेगी उसी के हिसाब से इन्हें वेतन दिया जाएगा। वहीं उन्होंने खनन बात को नकारते हुए कहा कि मेरे द्वारा कहीं भी कोई खनन नहीं करवाया जा रहा है तथा यह बात बिल्कुल झूठी है।

क्या बोले उपमंडलाधिकारी नागरिक

वहीं उपमंडलाधिकारी नागरिक गौरव महाजन ने कहा कि मेरे पास इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। जब मेरे पास शिकायत की जाएगी तो उसके उपरांत ही मैं कुछ कह सकता हूं। अब सवाल यह है कि अगर ये कर्मचारी उपमंडलाधिकारी नागरिक को शिकायत करने उनके कार्यालय इंदौरा में जाते हैं तो इनकी अनुपस्थिति में इन बेजुबान पशुओं की देखभाल कौन करेगा।


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Vijay

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