Shimla: विधानसभा में स्पीकर के बयान पर बवाल, नारेबाजी के बाद विपक्ष ने सदन से किया वॉकआऊट

punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2024 - 04:11 PM (IST)

शिमला (योगराज): राज्यसभा चुनाव के दौरान उठा सियासी सैलाब अभी शांत नहीं हुआ है। मानसून सत्र के चौथे दिन आज सदन में विधानसभा अध्यक्ष के 6 विधायकों के "सिर कलम करने और 3 का सिर आरे के नीचे होने" के बयान पर आज भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने सदन में प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत उठाया और अध्यक्ष से इस बयान पर खेद प्रकट करने की मांग की जिसे अध्यक्ष ने खारिज करते हुए कहा कि मैंने सदन में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, जिसके लिए खेद प्रकट करूं। इस पर सदन में विपक्ष ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआऊट कर दिया।

विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक पद पर बैठकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया : जयराम
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक पद पर बैठकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया था, जिस पर विधायकों ने सदन में मामला उठाया लेकिन विपक्ष की बात सुनने की बजाय कहा कि उनकी सीखने की उम्र नहीं है और जो कहा है वह ठीक है। विधानसभा अध्यक्ष अहंकारी हो गए हैं और खुद को सर्वज्ञाता बता रहे हैं, जैसे उन्हें ही नियमों का ज्ञान है और बाकी विधायक पहली बार सदन की कार्यवाही में भाग ले रहे हैं। विपक्ष के कई विधायक 4 से 5 बार जीतकर सदन में पहुंचे हैं और 28 वर्ष मुझे भी विधानसभा में हिस्सा लेते हुए हो गए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने जो कहा, उसमें कुछ गलत नहीं : मुख्यमंत्री
वहीं सत्तापक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष द्वारा उठाए मुद्दे पर सदन में निंदा प्रस्ताव लाया और विपक्ष के आरोपों की निंदा की और कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने हिमाचल में मिशन लोटस चलाया, जिसे प्रदेश की जनता ने जवाब दे दिया है, ऐसे में अब विपक्ष को अपनी भूमिका को निभाने का कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के बयान को जायज ठहराते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो कहा है उसमें कुछ गलत नहीं है।

मैं जयराम को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं : कुलदीप पठानिया
वहीं विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदन की कार्यवाही नियमों से चलती है और सदन के भीतर मैंने कभी इस तरह की बात नहीं कही। सदन के बाहर मेरा अलग दायित्व है और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर मुझे नहीं सिखाएंगे की मुझे क्या करना है और क्या नहीं। जयराम ठाकुर को जवाब देने के लिए मैं बाध्य नहीं हूं बल्कि उनकी जबावदेही सदन के प्रति है। जयराम ठाकुर मुझसे काफी जूनियर हैं और उन्हें मुझे जवाब देने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह क्या कहते हैं उसका कोई औचित्य भी नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मेरे निर्णयों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई है, उन्होंंने भी मुझसे प्रश्न नहीं किया तो नेता विपक्ष जयराम ठाकुर प्रश्न उठाने वाले कौन होते हैं।
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Content Writer

Vijay

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