शक्तिशाली देशों ने माना RSS सबसे बड़ा संगठन : मोहन भागवत

punjabkesari.in Sunday, Dec 19, 2021 - 07:16 PM (IST)

कांगड़ा (कालड़ा): आर्थिक संपदा की कमी आदि हमारे पास कुछ भी साधन नहीं थे लेकिन उसके बावजूद स्वयंसेवी की साधना, देश सेवा की लगन के कारण कुछ शक्तिशाली देशों का मानना है कि विश्व का सबसे बड़ा संगठन आरएसएस है। यह बात आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बहुतकनीकी संस्थान के सभागार में कही। उन्होंने कहा कि आज बहुत से लोगों की उत्सुकता है कि वे संघ से जुड़ें क्योकि उन्होंने आरएसएस के देश व समाज के कामों को देखा है। उन्होंने कहा कि जिनका जन्म ही संघ का विरोध करने के लिए हुआ है, वे मुट्ठी भर लोग हैं। प्राचीन समय से एक कहावत है कि कछुआ और खरगोश की दौड़ में कछुआ जीत जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास भी आराम करने का समय नहीं है तभी हमारा लक्ष्य प्राप्त होगा। कुछ लोगों का प्रयास है कि भारत की तरक्की में बाधा पहुंचाई जाए इसलिए हम सबको सजग रहने की जरूरत है। सजग होकर भारत की तरक्की के प्रयास में लगे रहना चाहिए। अनुशासित होकर रोज की शाखा में भाग लेना चाहिए।

उन्होंने बताया कि शाखा एक अनुशासित होकर सबसे मिलकर अच्छे संस्कार लेने का साधन है। समय-समय पर कई अत्याचार संघ परिवार पर किए गए। यहां तक कि हत्याएं हुई हैं परंतु कार्यकर्ताओं ने हिम्मत नहीं हारी, जिसका नतीजा है कि आज हमारे बारे में लोगों को पता चल गया है और सत्य सबकी समझ में आ गया है। उन्होंने कहा कि देश में 7 लाख गांव हैं, जिनमें 60 हजार संघ की शाखाएं काम कर रही हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन संघ के कार्यक्रम किए परंतु जो अच्छी आदतें व संस्कार एक-दूसरे से मिलकर मिलते हैं, वे ऑनलाइन नहीं मिल सकते। हमें देश के लिए समय देना है वहीं अपनेे परिवार के लिए भी समय देना है। उन्होंने कहा कि योग व व्यायाम शरीर के लिए अति आवश्यक हैं। हर इन्सान के लिए योगा व व्यायाम जरूरी है।

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Content Writer

Vijay

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