ऊना में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन में खर्च होंगे 5.60 करोड़: उपायुक्त
punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 09:30 AM (IST)

ऊना। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत ऊना जिले में दो वर्षों में 5 करोड़ 60 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। यह राशि इस वर्ष और अगले वर्ष में प्राकृतिक खेती किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और कृषि के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में इस्तेमाल होगी। उपायुक्त जतिन लाल ने शुक्रवार को जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का उद्देश्य जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर लोगों को स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक खाद्य उपलब्ध कराना है। इस मिशन के तहत जिले में 80 क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिसमें हर समूह को प्रशिक्षित करने के लिए दो कृषि सखियों (सीआरपी) को तैनात किया जाएगा। इस दिशा में खंड स्तरीय अनुश्रवण समिति को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, किसानों की सहायता के लिए जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी) स्थापित किए जाएंगे।
ऊना का होगा अपना खाद्य उत्पाद ब्रांड, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी मार्केटिंग
बैठक के उपरांत उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि ऊना जिले का अपना खाद्य उत्पाद ब्रांड जल्द ही लांच किया जाएगा। इसे लेकर प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। इस ब्रांड के तहत कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जिससे किसानों को व्यापक स्तर पर आर्थिक लाभ मिल सके। इसके लिए एक प्रतिष्ठित संस्थान के साथ एमओयू जल्द ही साइन किया जाएगा। साथ ही, इस पहल के प्रभावी संचालन के लिए एक जिला स्तरीय सोसायटी का गठन किया जा रहा है, जिसमें किसान उत्पादक संगठन, क्लस्टर स्तरीय फेडरेशन और अन्य हितधारकों की भागीदारी होगी।
इस बैठक में आत्मा परियोजना के निदेशक वीरेंद्र बग्गा, उप निदेशक संतोष शर्मा, कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. कुलभूषण, एआरसीएस राकेश वर्मा, डीआरडीए परियोजना अधिकारी के.एल. वर्मा, एपीएमसी सचिव भूपेंद्र सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती से जुड़े प्रगतिशील किसान कृष्णा देवी, सविता देवी, सुरेखा रानी, स्वर्ण सिंह ढिल्लन, विजय कुमार, बलजीत सिंह, प्रवीण शर्मा, सुशीला, पंकज संधु और मितेश शर्मा समेत समिति के अन्य सदस्य भी बैठक में मौजूद रहे।