मंडी का सराज बनेगा पर्यटन का गढ़, Ropeway से जुड़ेंगे यह शहर

punjabkesari.in Tuesday, Jul 30, 2019 - 11:52 AM (IST)

मंडी (ब्यूरो): पूरे प्रदेश में अब केवल 283 बस्तियां सड़क मार्ग से वंचित रह गई हैं जिसका एक बड़ा कारण यह है कि इन गांवों तक पहुंचने के लिए हजारों पेड़ काटने की नौबत आ जाएगी। लेकिन सरकार ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इन गांवों को हवाई मार्ग से जोड़कर रोपवे तकनीक से कनैक्टीविटी बढ़ाने पर बल दिया है। कबायली क्षेत्र और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण गांवों व धार्मिक स्थलों को रोपवे से जोड़ने का खाका तैयार किया गया है और केंद्र के 4 मंत्रालयों से यह मामला उठाया गया है। 

शहरी क्षेत्रों में भी यातायात दबाव दूर करने के लिए रोपवे को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि यातायात दबाव कम किया जा सके और पर्यटकों को अच्छी सेवाएं हम दे सकें। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शिमला, मनाली और धर्मशाला बड़े शहरों में भी रोपवे तकनीक से आवागमन सुगम बनाने पर सरकार बड़े निर्णय लेने जा रही है। हाल ही में एक उच्च स्तरीय टीम विदेशों का दौरा कर इस तकनीक का अध्ययन कर चुकी है। शिमला शहर को रैड, ग्रीन और ब्लू 3 जोन में विभाजित किया गया है।

रोपवे कहां ज्यादा किफायती और सुगमता से बनाया जा सकता है, इस पर काम चल रहा है। ऐसे दुर्गम क्षेत्र जैसे पांगी, बड़ा भंगाल, लाहौल व किन्नौर के दूरस्थ गांवों तक रोपवे तकनीक से हम कनैक्टीविटी बढ़ाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का पर्यटन विकास पर विशेष जोर है और उनके मार्गदर्शन में ही हम नई तकनीक के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। इस बारे पिछले दिनों केंद्रीय सड़क एवं जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भेंट कर कई मामलों पर चर्चा की है जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द सामने आने वाले हैं।

सराज विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों की अपार संभावनाएं

मुख्यमंत्री के अपने सराज विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं। इनके समुचित दोहन के लिए करीब 51 करोड़ रुपए की योजनाओं पर काम चल रहा है। पर्यटन के नजरिए से अब तक अनछुए स्थलों पर पर्यटन गतिविधियों के विकास के लिए नई राहें-नई मंजिलें योजना के तहत काम किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत सराज क्षेत्र में 26.72 करोड़ रुपए खर्चे जा रहे हैं। यह पैसा कैंपिंग साइट्स विकसित करने और ट्रैकिंग रूट के सुधार के साथ-साथ पर्यटकों के लिए रुकने के अच्छे इंतजाम करने व पार्कों इत्यादि के विकास पर खर्च किया जा रहा है। यहां इस वर्ष जंजैहली में करीब 3 लाख नए पर्यटक आए हैं और अगले वर्ष इसे और ज्यादा बढ़ाया जाएगा। यहां भी धार्मिक स्थलों को रोपवे तकनीक के सहारे पर्यटन से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है।


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Ekta

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