नौ माह बाद तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा जवान, नम आंखों से दी अंतिम विदाई
punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2024 - 06:01 PM (IST)
रिकांगपिओ (रिपन): जिला किन्नौर के तराण्डा गांव के शहीद हवलदार रोहित नेगी का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा नौ माह बाद मंगलवार को अपने पैतृक गांव पहुंचा तथा शहीद हवलदार रोहित नेगी का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया। इस अवसर पर डोगरा रेजीमेंट के कमांडर की मौजूदगी में रोहित नेगी के घर तथा श्मशानघाट पर सलामी दी गई जबकि इस अवसर प्रशासन कि ओर से तहसीलदार भावानगर अरुण सहित पुलिस दल भी शामिल हुए।
इस दौरान भारी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद हवलदार रोहित नेगी को अंतिम विदाई दी तथा रोहित नेगी अमर रहे के नारे लगाए। बता दें कि 26 वर्षीय शहीद हवलदार रोहित नेगी डोगरा रेजीमेंट में थे तथा गत वर्ष अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में रोहित नेगी कश्मीर सीमा में सेवाएं देते हुए एक अभियान के दौरान कुछ साथियों सहित हिमखंड में दब गए थे। जबकि उसके बाद एक साथी जवान का शव तो मिल गया था बाकी जवान बर्फ में दब गए थे तथा पूरे नौ माह बाद रोहित नेगी पुत्र अमर सिंह का पार्थिव शरीर चार रोज पहले भारतीय सेना ने खोज लिया।
भारतीय सेना के द्वारा उनके पार्थिव शरीर को पिछले कल 8 जुलाई को कारगिल से लेह तथा लेह से चंडीगढ़ लाया गया, वहीं पिछ्ले कल रात को ही चंडीगढ़ से वाहन मार्ग द्वारा रामपुर तक लाया गया था। वहीं मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे उनकेे पार्थिव शरीर को वाहन मार्ग द्वारा उनके पैतृक गांव तराण्डा लाया गया। रोहित नेगी के पार्थिव शरीर के प्रवेश द्वार चौरा पहुंचने पर भारी संख्या में जिला के लोग वहां एकत्रित हो गए तथा रोहित नेगी अमर रहे तथा जब तक सूरज चांद रहेगा रोहित नेगी का नाम रहेगा तथा भारत माता की जय आदि नारे लगाते हुए घर तक पहुंचे जहां तथा उसके बाद श्मशानघाट तक पहुंचे जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान रोहित के भाई ने मुखाग्नि दी तथा राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह संस्कार किया गया।
शहीद रोहित नेगी के पिता अमर सिंह भी पूर्व सैनिक हैं तथा रोहित नेगी अपने पीछे 3 वर्षीय बेटे, 7 वर्षीय बेटी पत्नी, बूढ़े मां बाप तथा एक छोटे भाई को छोड़ गए हैं। वहीं शहीद रोहित नेगी के पिता पूर्व सैनिक अमर सिंह को जहां एक ओर बेटे के खोने का गम है तो वहीं दूसरी ओर देश के लिए शहादत पर गर्व महसूस कर रहे हैं।वहीं इस अवसर पर डोगरा रेजीमेंट के कमांडेंट ने भी परिजनों को आर्मी की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया।