रिटायर्ड कैप्टन ने ट्रक में बसाया घर संसार, टैंटों में देश-विदेश के पर्यटक करने लगे कैंपिंग

punjabkesari.in Monday, Aug 06, 2018 - 03:40 PM (IST)

उदयपुर (जगमोहन): सेना से रिटायर्ड कैप्टन सुरेश शर्मा ने आज तक घर नहीं बनाया, बल्कि एक ट्रक खरीद लिया है, करीब 18 वर्षों से वही उनका घर संसार है। प्रकृति के बीच नीले अंबर तले जहां भी खाली जमीन मिले वहीं उनका घर खड़ा हो रहा है। 2 बैड रूम, किचन व बाथरूम के अलावा उनके ट्रक में हर प्रकार की सुख-सुविधा मौजूद है। रोशनी के लिए जैनरेटर कक्ष भी ट्रक में बना है। चलते रहने वाले अपने घर का नाम उन्होंने टोर्स द ट्रक रखा है। मूल रूप से चंडीगढ़ के रहने वाले सुरेश शर्मा बताते हैं कि जीवन संगिनी के साथ इस घर की डिजाइनिंग उन्होंने मिलकर की है।

इन दिनों लाहौल-स्पीति के कई मनोहारी स्थलों में ट्रक के अंदर बने घर के साथ अब वे टैंटों का गांव भी बसा रहे हैं। ट्रक में बने आशियाने को देखने की उत्सुकता स्थानीय लोगों में बढ़ रही है। प्रकृति से लगाव और जीव-जंतुओं से प्रेम के अलावा पर्यावरण को स्वच्छ रखने के मकसद से इन दिनों वह लाहौल-स्पीति के विभिन्न क्षेत्रों में कैंपिंग कर रहे हैं। ट्रक के घर के साथ टैंटों की कैंपिंग को उन्होंने इस बार व्यवसायिक तौर पर जोड़ा है। उनके टैंटों में देश-विदेश के पर्यटक कैंपिंग करने लगे हैं। पर्यटकों को ट्रक के किचन में मनपसंद पकवान भी मिल रहे हैं। जिन निर्जन स्थानों में उनका चलता-फिरता घर रुक रहा है वही जमीन उनका घर आंगन बन रही है।

कैप्टन सुरेश शर्मा बताते हैं कि वे वर्षों से प्रकृति के बीच अपना घर चला रहे हैं और स्थान बदलते ही अगले दिन सारा घर संसार अपने साथ ले जा रहे हैं। लाहौल-स्पीति में इन दिनों उनके साथ उनका घर भी सफर कर रहा है। टैंटों की कैंपिंग से हो रही आमदनी को वह पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करेंगे। उनका कहना है कि फौज में रहते हुए उन्होंने देश की सेवा की और अब रिटायरमैंट के बाद वह धरती मां की सेवा कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए दिन-रात चौबीसों घंटे ट्रक के घर में जीवन जी रहे हैं।  

जियोग्राफी के लिए बना चुके हैं किंग कोबरा फिल्म 
सांपों से उन्हें विशेष प्रेम है। अपने एक मित्र के साथ मिलकर उन्होंने जियोग्राफी के लिए किंग कोबरा फिल्म का निर्माण किया है। उनका कहना है कि उनके पिता जी सांपों को कभी नहीं बख्शते थे। मोहल्ले के लोग सांप मारने के लिए उन्हें बुलाते थे, जिससे उन्हें काफी ठेस पहुंचती थी। कैप्टन सुरेश शर्मा कहते हैं कि जीवों को कभी नहीं मारना चाहिए, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए कुदरत ने सभी जीवों की भागीदारी सुनिश्चित की है।


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Ekta

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