HPU में अब शोधार्थियों को अधिकतम 6 वर्ष में पूरी करनी होगी पीएचडी

punjabkesari.in Thursday, Mar 21, 2024 - 11:04 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में पीएचडी अब अधिकतम 6 वर्ष में पूरी करनी होगी। इसको लेकर विश्वविद्यालय ने यूजीसी की गाइडलाइंस को अपनाते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब शोधार्थियों को तय नियमों के तहत पीएचडी पूरी करनी होगी। पहले विश्वविद्यालय में पीएचडी करने के लिए 8 से 12 वर्ष तक का भी समय दिया जाता रहा है और समयावधि बढ़ाने की एवज में अतिरिक्त फीस ली जाती थी। अब इस अधिसूचना के जारी होने के बाद विद्यार्थियों को प्रत्येक 6 माह में प्रोग्रैस रिपोर्ट भी देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा महिला शोधार्थियों को मैटरनिटी लीव का प्रावधान रहेगा। इसके तहत 240 दिनों की मैटरनिटी लीव भी मिलेगी। बीते माह हुई ईसी की बैठक में अधिनियम को लागू करने का निर्णय लिए जाने के बाद इसे अब अधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया है। हालांकि पीएचडी की डिग्री पूरी करने के लिए अधिकतम अवधि 6 वर्ष तय की है लेकिन केवल महिलाओं व दिव्यांग शोधार्थियों को इसमें 2 वर्ष की छूट रहेगी। इसके अलावा अन्य शोधार्थियों के लिए पीएचडी की डिग्री पूरी करने के लिए अधिकतम अवधि से छूट प्राप्त करने के लिए ठोस वजह देनी होगी।

स्नातक की पढ़ाई के साथ अब विद्यार्थियों को करनी होगी इंटर्नशिप
स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को अब अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप करनी होगी। स्नातक की डिग्री पूरी करने वाले विद्यार्थियों को नौकरी के लिए योग्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइंस के अनुसार विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कालेजों में इसे लागू कर दिया गया है। इंटर्नशिप के लिए विद्यार्थियों को क्रैडिट्स दिए जाएंगे। इंटर्नशिप फिजिकल, डिजिटल और हाईब्रिड मोड पर होगी। यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अनुरूप स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए ट्रेनिंग व रिसर्च प्रशिक्षण की व्यवस्था उच्च शिक्षण संस्थानों में होगी।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News