उपचुनाव में मंत्री से लेकर विधायक का बनेगा रिपोर्ट कार्ड

punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2019 - 04:36 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): पच्छाद और धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव में मंत्री से लेकर विधायक और पार्टी पदाधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। इसी आधार पर मंत्रिमंडल में खाली पड़े 2 पद और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद को भरे जाने का आधार बनेगा। भाजपा की तरफ से उपचुनाव में मंत्री और विधायक के अलावा पार्टी पदाधिकारियों की ड्यूटी भी लगी है, जिनकी परफार्मेंस यानि रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। इससे पहले यह परफार्मेंस लोकसभा चुनाव के समय भी तय की गई थी, जिसमें सभी नेता उम्मीदों पर खरा उतरे और भाजपा को सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली। अब एक बार फिर विधानसभा उपचुनाव होने हैं, जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ कांगड़ा और शिमला संसदीय क्षेत्र के नेताओं की साख दाव पर लगी है। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश मंत्रिमंडल में इस समय मंत्रियों के 2 स्थान खाली है। इसमें से 1 पद अनिल शर्मा के ऊर्जा मंत्री पद से इस्तीफा देने के कारण खाली हुआ है, जबकि दूसरा पद खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर के सांसद बनने से रिक्त हुआ है। मौजूदा समय में विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल के अलावा कांगड़ा जिला से राकेश पठानिया को मंत्री पद का प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है। डा. राजीव बिंदल के मंत्री बनने की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष पद को भी भरा जाना है। इसी तरह प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव का क्रम जारी है और प्रदेश अध्यक्ष पद पर दिसम्बर माह में ताजपोशी होनी है। ऐसे में जिस जिला को मंत्री पद मिलता है, उसे प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाएं कम है।

पच्छाद-धर्मशाला में 4-4 रैलियां करेंगे सी.एम. 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पच्छाद और धर्मशाला में क्रमश: 4-4 रैलियां करने का कार्यक्रम है। इसके तहत मुख्यमंत्री 11 अक्तूबर से धर्मशाला में चुनाव प्रचार पर उतर सकते हैं। उसके बाद वह 15 अक्तूबर को पच्छाद जा सकते हैं। इस तरह प्रचार का पूरा जिम्मा मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों पर होगा। हालांकि धर्मशाला में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी प्रचार के लिए समय निकालेगें। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के भी पहले दोनों विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करने का कार्यक्रम था, लेकिन बदले हालात में उनके प्रचार पर आने की संभावनाएं कम हो गई है क्योंकि उनका महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव प्रचार पर अधिक ध्यान केंद्रित रहेगा। इस तरह केंद्र से समय मिलने पर ही गिने-चुने नेता चुनाव प्रचार के लिए आ सकते हैं।


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Ekta

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