राजेंद्र राणा ने NIT मामले पर प्रदेश सरकार व सांसद को लिया आड़े हाथ, जानिए क्या कहा

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2019 - 07:17 PM (IST)

हमीरपुर: राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान हमीरपुर को लेकर सवाल उठाते रहे सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने एक बार फिर संस्थान प्रबंधन को लेकर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि डबल इंजन से काम करने का दावा करने वाली भाजपा की प्रदेश सरकार की केंद्र में कोई पूछ नहीं है। यही कारण है कि एनआईटी के बारे में प्रदेश सरकार की कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो स्थानीय सांसद भी संस्थान की कार्यप्रणाली को लेकर फिक्रमंद नहीं हैं। जारी प्रैस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि संस्थान में सफाई कर्मचारियों से लेकर निजी कंपनियों के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों का शोषण हो रहा है तथा कर्मचारी आत्महत्या करने जैसे कदम भी उठाने लगे हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मकता नहीं दिखाई गई है।

सरमाएदारों के आगे नतमस्तक लग रही सरकार

उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि सरकार स्वयं मामले में हस्तक्षेप करती लेकिन जनता द्वारा चुनी गई सरकार सरमाएदारों के आगे नतमस्तक लग रही है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों के लोगों की भर्ती करने को तरजीह दी जा रही है लेकिन इस मुद्दे पर सवाल उठाने पर भी सरकार व स्थानीय सांसद कोई जबाव नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को तो पहले ही केंद्र सरकार ने बिगाड़ दिया है और अब भाजपा की प्रदेश सरकार भी विकास का मलियामेट करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि यही वो पार्टी है जो जनता को अच्छे दिनों के सब्जबाग दिखाती थी लेकिन अब जुमलेबाजी बोलकर अपने वायदों से किनारा कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में माफियाराज इस कद्र हावी हो गया है कि जनता दुखी है लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है।

हमीरपुर जिला की घोर अनदेखी कर रही सरकार

उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला की सरकार द्वारा घोर अनदेखी की जा रही है, जिसका सबूत प्रदेश के मुखिया ने उस समय ही दे दिया था जब हमीरपुर के पक्का भरो में एक विवाहिता की मौत को लेकर जनता धरना-प्रदर्शन कर रही थी लेकिन मुख्यमंत्री ने धर्मशाला जाने के लिए अपना सड़क रूट ही बदल दिया। उन्होंने कहा कि जो सरकार जनता की भावनाओं की कद्र ही नहीं पाती, उससे प्रदेश के विकास की बात करना व जनता और कर्मचारियों की समस्या समझना बेमानी ही लगता है। उन्होंने कहा कि एनआईटी में कर्मचारियों के हालातों व व्यथा को सरकार को समझना चाहिए ताकि इतने बड़े संस्थान की गरिमा बनी रहे।


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Vijay

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