शिमला में बारिश का कहर: कई जगह भूस्खलन...निचले इलाकों में बढ़ी चिंता, नाले भी उफान पर, सड़कें बंद

punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 11:18 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस दौरान शहर भर में 20 से ज़्यादा पेड़ गिर गए और कई जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिससे भारी नुकसान हुआ है। पेड़ों के गिरने से सड़कें बंद हो गईं और कई गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। शिमला के खलीनी में मिस्ट चैंबर के पास सड़क पर एक बड़ा पेड़ गिर जाने से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। शहर के कई नाले भी उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है।

सबसे अधिक नुकसान झंझीड़ी की हरि नंद कॉलोनी में सुखराम शर्मा के घर पर हुआ, जहां एक सूखा देवदार का पेड़ गिर गया। सुखराम शर्मा ने इस पेड़ को कटवाने के लिए एक साल पहले आवेदन किया था, लेकिन अभी तक उन्हें मंजूरी नहीं मिली थी। इस हादसे के बाद, लोगों ने प्रशासन से इलाके में मौजूद अन्य सूखे और गिरने की कगार पर खड़े पेड़ों को तुरंत हटाने की मांग की है। वहीं, बारिश के कारण शिमला की पेयजल परियोजनाओं में गाद भर गई है, जिसकी वजह से शहर की पानी की आपूर्ति को रोकना पड़ा है। चाबा परियोजना में भारी मात्रा में गाद जमा हो गई है, जिसके चलते अगले दो दिनों तक शिमला में पानी की किल्लत होने की संभावना है।

भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं। शहर के अपर ढली, कनलोग, और मज्याठ जैसे इलाकों में भूस्खलन हुआ है। मुख्यमंत्री आवास 'ओकओवर' के पास भी एक देवदार का पेड़ गिर गया। विकासनगर में एक मकान को पेड़ गिरने से नुकसान पहुंचा, जबकि पंथाघाटी में भूस्खलन से एक और मकान को खतरा पैदा हो गया है। जुब्बल उपमंडल में लगातार बारिश और भूस्खलन को देखते हुए आज सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का फैसला किया गया है। शहर की 20 से ज़्यादा सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं, जिससे आवागमन में भारी मुश्किलें आ रही हैं। अपर ढली में भूस्खलन से सड़क किनारे खड़ी कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है, और एक गाड़ी मलबे के साथ पहाड़ी से नीचे लुढ़क गई।

इसके अलावा, भट्टाकुफर सुरंग मार्ग के पास भी भूस्खलन हुआ है। इन घटनाओं से दो घरों को खतरा पैदा हो गया है और एक मकान की छत भी टूट गई है। प्रशासन नुकसान का जायजा ले रहा है और प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम जारी है।


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Content Editor

Jyoti M

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