18 दिसंबर तक पूरा होगा शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव का प्रोसैस

Saturday, Nov 23, 2019 - 10:38 AM (IST)

शिमला(वंदना): शिमला के नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया 18 दिसंबर तक पूरी करनी होगी, इसके बाद 20 दिसंबर को मेयर व डिप्टी मेयर पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण कर सकते हैं। शहर के मेयर व डिप्टी मेयर का अढ़ाई साल का कार्यकाल पूरा होने को महज 25 दिन शेष रह गए हैं ऐसे में शहरी विकास विभाग भी नगर निगम के नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर सक्रिय हो गया है।
20 दिसंबर को मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल पूरा होगा ऐसे में इससे पहले ही विभाग को नए मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

इसी कड़ी में शनिवार को शहरी विकास विभाग के निदेशक ने नगर निगम आयुक्त पंकज राय सहित अन्य अधिकारियों के साथ विशेष बैठक बुलाई है इसमें चुनाव के शैड्यूल पर चर्चा होगी और चुनाव शैड्यूल फाइनल किया जाएगा ताकि निर्धारित समय से पहले सभी चुनावी प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। बैठक शाम साढ़े तीन बजे शहरी विभाग निदेशालय में निदेशक की अध्यक्षता में होगी। शहर में नए मेयर और डिप्टी मेयर की हॉट सीट को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। शहर में चर्चाओं का बाजार भी गर्मा गया है हर कोई अपने चहेतें पार्षदों की लांबिग करने में जुट गया है। मौजूदा मेयर कुसुम सदरेट और डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने 20 जून 2017 को पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की थी ऐसे में विभाग 20 दिसम्बर से पहले चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर लेगा इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।

मेयर डिप्टी मेयर को कई पार्षद पेश कर चुके हैं अपनी दावेदारी

वहीं भाजपा के कई पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं कई पार्षद खुलकर सामने आ रहे तो कई संगठन व पार्टी के खिलाफ नहीं जाने के डर से दबी जुबान में अपनी दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा में वरिष्ठ पार्षद संजीव ठाकुर, शैलेंद्र चौहान, सत्या कौंडल, संजय परमार, विवेक शर्मा, बिट्टू पाना, सुनील धर, मीरा शर्मा सहित मेयर कुसुम सदरेट भी मेयर की दौड़ में हैं जबकि डिप्टी मेयर की कुर्सी के लिए आरती चौहान सहित कई अन्य पार्षद शामिल हैं।

एस.टी. का प्रतिनिधित्व नहीं होने पर सामान्य वर्ग से होगा मेयर का चयन

नगर निगम चुनाव के रोस्टर के तहत मौजूदा समय में मेयर कुसुम सदरेट अनुसूचित जाति वर्ग से मेयर पद पर बनी हुई है लेकिन अब अढ़ाई साल बाद मेयर के लिए अनूसूचित जनजाति रोस्टर लागू होगा लेकिन नगर निगम सदन में एस.टी. का कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं है ऐसे में अब मेयर की कुर्सी सामान्य वर्ग से भरी जानी है। जबकि डिप्टी मेयर का पद ओपन है जिस पर कोई भी काबिज हो सकता है। ऐसे में मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए पार्षदों में भी घमासान शुरू हो गया है। 

Edited By

Simpy Khanna