PM मोदी की रैली के लिए नियम कायदे भूली जयराम सरकार

punjabkesari.in Friday, Dec 21, 2018 - 02:11 PM (IST)

धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): क्वालिटी सेल गठित कर प्रदेश भर में हुए विकास कार्यों की गुणवत्ता पुख्ता करने के लिए सख्त कदम उठाने वाली जयराम सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए अपने नियम कायदे ही भूल गई। धर्मशाला के पुलिस मैदान में 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री कि रैली प्रस्तावित है। लेकिन इस रैली में 10 दिन पहले लोक निर्माण विभाग ने आनन-फानन में बिना टेंडर ही रैली स्थल पर सीढ़ियां बनाने और भूमि समतल करने का काम शुरू कर दिया। इस लगभग 50 लाख रुपए तक की लागत होनी है। शीतकालीन सत्र के दौरान खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो बार पुलिस मैदान का निरीक्षण कर दिशा निर्देश जारी किए थे। 
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बिना टेंडर के ही सीढ़ियां बनाने में जुट गया ठेकेदार

ठेकेदार भी बिना टेंडर के ही 16 दिसंबर को फटाफट पुलिस मैदान में जनता के बैठने के लिए सीढ़ियां बनाने में जुट गया। ठेकेदार को विभाग ने 22 दिसंबर तक यानी 7 दिन में काम करने के कहा गया है, लेकिन भी नहीं लगता कि 24 दिसंबर तक भी काम पूरा हो और इसके बाद दो दिनी के बाद ही उन्ही सीढ़ियों पर हजारों की संख्यां में जनता बैठेगी। इसके ऊपर एक पेड़ गिरने की कगार पर है। इस सारे घटनाक्रम पर अफसर और ठेकेदार हमारे सवालों से कन्नी काटते और गोलमोल जवाब देने में लगे रहे और कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया।
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27 दिसंबर को प्रधानमंत्री की रैली

प्रवक्ता कांग्रेस जिला कांगड़ा जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री दौरे को लेकर पुलिस मैदान में काम आनन-फानन में बिना प्लानिंग और बिना टेंडर ही अपने चेहते ठेकेदार को दे दिया है। उन्होंने कहा जब यह सीढ़ियां बनकर तैयार होंगी उसके दो तीन दिनों के अंदर 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री की रैली होना तय हुई है और इन पर हजारों की संख्या में लोग बैठेंगे अगर सीढ़ियां धंस गई या कोई दुर्घटना हो गई तो जिम्मेदार कौन होगा। प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा ने बताया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस बौखलाहट में बातें कर रही है। उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को शार्ट टेंडर हुआ है और 18 दिसंबर को टेंडर ठेकेदार को दिया गया है। यह काम पूरी प्रक्रिया के अनुसार ही काम हो रहा है।
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