Himchal: शिमला में सरकार के खिलाफ गरजे पैंशनर्ज, मेडिकल बिल पर श्वेत पत्र जारी करने की उठाई मांग
punjabkesari.in Wednesday, Mar 05, 2025 - 05:19 PM (IST)

शिमला (राक्टा): भारतीय राज्य पैंशनर्ज महासंघ ने बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शिमला में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया। चौड़ा मैदान स्थित अंबेदकर चौक में आयोजित प्रदर्शन में प्रदेशभर से पैंशनर्ज ने भाग लिया। इस प्रदर्शन में महासंघ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने विशेष रूप से शिरकत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार में न तो पैंशनर्ज को पैंशन समय पर मिल रही है और न ही मेडिकल बिलों का भुगतान हो रहा है। असली व्यवस्था परिवर्तन तो यह है कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब सभी पैशनर्ज को एक साथ पैंशन न मिली हो। 3 से 4 जिलों में पैंशनर्ज को अभी भी पैंशन नहीं मिली है।
क्या मंत्री या विधायकों के भी रोके गए हैं चिकित्सा भत्ते?
घनश्याम शर्मा ने कहा कि पिछले 2 वर्षों से एक भी रुपया पूर्व कर्मचारियों को चिकित्सा भत्ते के रूप में नहीं दिया गया, जबकि उम्र के इस पड़ाव में बीमारी के चलते कई पैंशनर्ज स्वर्ग सिधार चुके हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या बीते 2 वर्ष में कोई मंत्री या विधायक बीमार नहीं हुए? यदि हुए तो क्या उनके भी चिकित्सा भत्ते रोके गए हैं? घनश्याम शर्मा ने कहा कि इसको लेकर सरकार श्वेत पत्र जारी करे। उन्होंने कहा कि पैंशनर्ज की हजारों करोड़ रुपए की देनदारियां सरकार के पास लंबित पड़ी हुई हैं और सरकार उनकी अदायगी कब तक करेगी, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि प्रदेश के हजारों करोड़ रुपए और सरकार द्वारा कर्ज के रूप में ली गई धनराशि कहां गई? घनश्याम शर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार खराब वित्तीय परिस्थितियों का हवाला देती है और दूसरी तरफ अपने चहेतों पर मेहरबान है और खुलेआम फिजूलखर्ची की जा रही है। कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिजन सरकारी गाड़ियों में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है तो कम से कम सरकार अपनी और अधिकारियों की सुविधाओं पर भी अंकुश लगाए।
15 दिनों में वार्ता को बुलाएं नहीं तो बनेगा ज्वाइंट फ्रंट
भारतीय राज्य पैंशनर्स महासंघ ने सरकार को चेताया कि यदि 15 दिनों के भीतर सरकार पैंशनर्स की लंबित मांगों को लेकर वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो प्रदेश में सभी पैंशनर्ज एसोसिएशन का एक ज्वाइंट फ्रंट गठित किया जाएगा और प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी है लेकिन जेसीसी तक का गठन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने भी कर्मचारियों के साथ जेसीसी की थी।
व्यवस्था परिवर्तन की सरकार में क्या हो गया हाल
महासंघ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर सत्ता में आई थी लेकिन आज सरकार की अनदेखी के चलते वह वर्ग सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ, जिसने अपनी सारी उम्र प्रदेश की तरक्की में लगा दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश का वरिष्ठ नागरिक अब जाग गया है और अपने हकों की लड़ाई करना बेहतर ढंग से जानता है।
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